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इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ खुदा...NDA में घमासान पर नीतीश की मासूमियत

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ खुदा...NDA  में घमासान पर नीतीश की मासूमियत

PATNA-इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा...गालिब का ये शेर आज तब खूब याद आया जब नीतीश कुमार ने बड़े ही मासूमियत से एनडीए में छिड़े घमासान से अनजान होने का दावा कर दिया. नीतीश ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं कि  उनकी पार्टी के नेता क्या बयान दे रहे हैं. बकौल नीतीश कुमार,  बिहार में JDU-BJP  की साझा सरकार मजे से चल रही है. बाकी बातचीत चुनाव के वक्त करेंगे.

घमासान से अनजान नीतीश
दरअसल, नीतीश कुमार की प्रेस कांफ्रेंस में आज पत्रकारों ने NDA में चल रहे घमासान पर सवाल पूछा था. पत्रकारों ने पूछा कि उनकी पार्टी JDU के नेता ही सीटों के बंटवारे  और बिहार में एनडीए के चेहरे को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. नीतीश ने बड़ी मासूमियत से कहा-उन्हें ऐसे बयानों की खबर नहीं. अखबारों में पेज बढ़ गया है, टीवी चैनल्स को 24 घंटे न्यूज चलाना है और सोशल मीडिया अफवाह फैलाने में लगा रहता है. वे ऐसी बातों का नोटिस नहीं लेते.

बिहार में एनडीए दुरूस्त
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी की साझा सरकार चल रही है. सरकार चलाने में कोई परेशानी नहीं आ रही है. कहीं कोई विवाद नहीं है. सीटों के तालमेल पर बात चुनाव के समय करेंगे. अभी तो सरकार के कामकाज पर बात होनी चाहिये.
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क्यों मासूम बन रहे हैं नीतीश
JDU-BJP  में घमासान का सिलसिला तब शुरू हुआ जब नीतीश ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ विशेष बैठक की थी. 3 जून को हुई इस बैठक में खास तौर पर नीतीश के पुराने रणनीतिकार प्रशांत किशोर और जेडीयू के नेता केसी त्यागी और पवन वर्मा को बुलाया गया था. बैठक से निकलते ही पवन वर्मा ने कहा कि बिहार में नीतीश बड़े भाई हैं और बड़े भाई को बड़ा हिस्सा चाहिये. दिल्ली जाकर केसी त्यागी ने नीतीश को नरेंद्र मोदी से भी बेहतर नेता करार दिया. जेडीयू नेताओं ने बीजेपी से 25 सीटें मांगनी शुरू कर दी. भाजपा नेतृत्व और सियासी जानकार समझ रहे हैं कि ऐसी बयानबाजी बगैर नीतीश की सहमति के नहीं हो सकती. 

बीजेपी का साथ नहीं छोड़ सकते नीतीश 
सियासी जानकार समझ रहे हैं कि नीतीश प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. उनके पास फिलहाल बीजेपी के साथ रहने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है. बिहार में सरकार बचाय़े रखने के लिए उन्हें बीजेपी या राजद में से किसी एक के साथ रहना ही होगा. राजद नेता तेजस्वी यादव साफ साफ कह चुके हैं कि अब नीतीश के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. लिहाजा नीतीश रहेंगे तो बीजेपी के साथ ही लेकिन फिलहाल प्रेशर डालकर अपना काम निकालना चाह रहे हैं. तभी वे दो कदम आगे बढ़कर एक कदम पीछे हटने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

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