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पीएम मोदी को हराने के लिए नीतीश कुमार अपनाएंगे यह रणनीति, 2024 में भाजपा को हराने का फार्मूला हुआ एक्सपोज

पीएम मोदी को हराने के लिए नीतीश कुमार अपनाएंगे यह रणनीति, 2024 में भाजपा को हराने का फार्मूला हुआ एक्सपोज

पटना. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2014 में जो आए वे 2024 में नहीं आएंगे. उनका यह बयान पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी थी जो 2014 में प्रधानमंत्री बने थे. नीतीश कुमार किस तरह से मोदी को 2024 में सरकार में आने से रोकेंगे इसका खुलासा नीतीश के खास और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया है. ललन ने पत्रकारों को बताया कि 2024 में किस तरह से भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए नीतीश ने संयुक्त विपक्ष की रणनीति बनाई है. 

उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार और पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका लगेगा. मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में भाजपा के 17 सांसद हैं वहीं बिहार में 16 सांसद. दोनों राज्यों में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगेगा और किसी तरह से खाता खुल जाए यही बड़ी बात होगी. 

उन्होंने कहा कि लोकसभा के सेन्ट्रल हॉल में उनकी कई भाजपा सांसदों से बात होती है. वे मोदी और शाह की जोड़ी से किस तरह से परेशान हैं इस पर खुलकर बोलते हैं. ऐसे में भाजपा के भीतर जो शीर्ष नेतृत्व के प्रति आक्रोश है उसके खिलाफ बवंडर होने की देर है. एक बार आक्रोश फूटेगा तो भाजपा में मोदी-शाह के खिलाफ कई विरोधी सामने आ जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि भाजपा में अब कोई भी अगर अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का नाम लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाती है. 

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में पीएम बनने की हर योग्यता है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे पीएम के दावेदार हैं. विपक्ष को एकजुट करके भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने की योजना का खुलासा करते हुए कहा कि 2024 में सभी को साथ लेकर चला जाएगा. 


ललन सिंह ने बुधवार को भाजपा पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अब भाजपा अटल-आडवाणी वाली पार्टी नहीं रही जो 1996 से सभी दलों को साथ लेकर चलती थी. मौजूदा भाजपा ऐसी है जो अरुणाचल में जदयू के विधायकों को तोड़ लेती है. वहां 7 में से 6 जदयू के विधायक तोड़े गए. क्या यही गठबंधन धर्म था. 

उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना था. उन्होंने कोई साजिश नही की और सब कुछ ठीक रहा. वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव के समय जिस व्यक्ति आरसीपी को नीतीश कुमार ने जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया उस व्यक्ति को ही भाजपा ने साजिश के तहत अपने साथ जोड़ लिया. जिन लोगों ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जदयू को नुकसान पहुँचाया वही सब भाजपा में शामिल हो गए. 


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