नीतीश मिश्रा ने की पूरक सवालों की बौछार ! परेशान हुए मंत्री जी... योजना कब स्वीकृत हुई नहीं दे सके जवाब

PATNA: बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा के पूरक सवालों की बौछार से प्रभारी मंत्री परेशान हो गए। प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देने में प्रभारी मंत्री को काफी परेशानी हुई. स्पीकर ने बीच का रास्ता अख्तियार कर मंत्री को निकाला. दरअसल, भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा का पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से जुड़ा हुआ सवाल था. 

नीतीश मिश्रा का सवाल 

नीतीश मिश्रा ने पूछा था कि राज्य के सभी जल स्रोतों, तालाब, नदियां, मन, एवं चौर का डेटाबेस तैयार कराने का निर्णय क्या 6 माह पूर्व लिया गया था ?  इस कार्य के लिए तत्काल ₹52000000 की स्वीकृति दी गईय़  यदि हां तो सरकार कब तक जिलों में डेटाबेस तैयार कराने का विचार रखती है? सरकार की तरफ से पशुपालन मंत्री मोहम्मद आफाक आलम को जवाब देना था. लेकिव वे सदन में मौजूद नहीं थे. लिहाजा कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने जवाब पढ़ा. प्रभारी मंत्री ने सदन में बताया कि सीआईएफआरआई के द्वारा विकसित कैच एसेसमेंट सर्विस सॉफ्टवेयर के माध्यम से राज्य के सभी जल स्रोतों, तालाबों, जलाशयों, नदियों, मन एवं चौर का डाटाबेस तैयार करने की योजना स्वीकृत है. उक्त कार्य के क्रियान्वयन के लिए एजेंसी चयन को लेकर टेंडर निकाला गया है. एजेंसी चयन के बाद आगामी वित्तीय वर्ष में उक्त योजना का कार्यान्वयन किया जा सकेगा.

पूरक का जवाब देने में मंत्री जी हुए परेशान 

सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने पूरक सवाल दागा. पूछा कि जल स्रोतों का डेटाबेस तैयार करने की योजना कब स्वीकृत की गई?  इस योजना को पूर्ण करने के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? साथ ही कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य कब तक रखा गया है? भाजपा विधायक के इन पूरक सवालों का जवाब प्रभारी मंत्री नहीं दे सके. वे वही पुरानी बातों को दुहराते रहे. 

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