पटना. उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार बजट में कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव के संकल्प को दोहराया. उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 7712.30 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है जबकि पिछली बार कृषि विभाग के लिए 3335.47 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था. देखा जाए तो इस वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र का बजट पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना हो गया है.
तारकिशोर ने कहा कि हर खेत में पानी पहुंचाने की योजना को सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए 550 करोड़ का का बजट प्रावधान किया गया था. बजट में गोवंश विकास की स्थापना की घोषणा के अलावा पशुओं के इलाज के लिए कॉल सेंटर के जरिए डोर स्टेप इलाज की व्यवस्था करने की घोषणा की गई. पशुपालकों को यह सुविधा मोबाइल एप के माध्यम से मिलेगी.
साथ ही बिहार में मछली उत्पादन को बढ़ाया जाएगा. मौजूदा समय में बिहार में करीब 8 लाख टन सालान मछली की खपत है लेकिन राज्य में इसकी तुलना में एक लाख टन कम मछली उत्पादन है. इस अंतर को पाटने और मछली उत्पादन को और बढ़ावा देकर अन्य राज्यों में मछली निर्यात करने का तारकिशोर ने संकल्प दोहराया.
बिहार का 2022-2023 का बजट- 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ 19 लाख है. इसमें पिछले साल की तुलना में लगभग 19 हजार करोड़ का बजट बढ़ा है. पूंजीगत या कैपिटल एक्सपेंडिक्योर में एक लाख करोड़ खर्च होंगे. स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय एक लाख 37 हजार करोड़ खर्च होंगे. सरकार ने जिन प्रमुख क्षेत्रों में सर्वाधिक आवंटन सुनिश्चित किया है उसमें शीर्ष पांच में कृषि क्षेत्र के लिए 29 हजार करोड़ बजट का आवंटन शामिल है. इसके अलावा शिक्षा के लिए 39 हजार करोड़ का आवंटन, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 16 हजार करोड़ और समाज कल्याण के लिए 12,375 करोड़ के बजट का आवंटन का प्रावधान किया गया है. उद्योग क्षेत्र के लिए 1643 करोड़ 74 लाख का प्रावधान किया गया है.
2022-23 में विकास दर 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वर्ष में राज्य का जीडीपी 9.8 प्रतिशत होने का अनुमान है. वहीं, वित्तीय वर्ष 22-23 में राजकोषीय घाटा 25885 करोड़ अनुमानित,3.47 परशेन्ट रहने का अनुमान है.