नीतीश सिर्फ गृहमंत्री रहे, तेजस्वी बन गए एक्टिंग CM...कैबिनेट विस्तार पर डिप्टी CM ने मुख्यमंत्री की बात को काटा तो BJP को मिला मौका

PATNA: 14 जनवरी के बाद नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. मुख्यमंत्री के बयान के बाद इन चर्चाओं को और गति मिली थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि राजद-कांग्रेस से मंत्री बनाये जा सकते हैं. लेकिन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कैबिनेट विस्तार की चर्चा पर विराम लगाते हुए कहा कि अभी ऐसी कोई चर्चा महागठबंधन में नहीं है. इसके बाद भाजपा ने नीतीश-तेजस्वी दोनों को घेरा है. भाजपा ने कहा है कि कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का अधिकार होता है. लेकिन यहां तो डिप्टी सीएम ही कह रहे कि मंत्रिमंडल विस्तार की कोई बात नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री नहीं सिर्फ गृह मंत्री ही रह गए हैं. तेजस्वी यादव एक्टिंग सीएम हैं.
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार में सुपर सीएम तेजस्वी हो गए हैं. नीतीश जी अब सिर्फ गृहमंत्री है। निखिल आनंद ने कहा, "महागठबंधन में अब सिर्फ तेजस्वी की चलती है। सरकार को तेजस्वी ही हाँक रहे हैं और यही नहीं नीतीश जी को भी वे टर्म-कंडीशन डिक्टेट कर रहे हैं। नीतीश जी की राजनीति की ताकत- हैसियत अब पूरी तरह खत्म हो गई है। नई परिस्थिति में बिहार के वास्तविक तौर पर ऐक्टिंग सीएम तेजस्वी हैं और नीतीश कुमार जी सिर्फ गृहमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए दिन काट रहे हैं।"
भाजपा प्रवक्ता निखिल ने कहा कि पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा को लेकर उठे विवाद पर जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को डिप्टी सीएम क्या जदयू से किसी के मंत्री बनने का सवाल नहीं है। विस्तार में राजद, कांग्रेस के मंत्री होंगे और वामदलों के मंत्री हो सकते हैं। अब सुपर सीएम तेजस्वी यादव ने फरमान जारी कर सार्वजनिक तौर पर कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा और इस बारे में नीतीश जी को कह दिया है उनसे बात हो गई है। इससे तो साफ है कि बिहार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर तेजस्वी ने वीटो लगा दिया, जिससे नीतीश कुमार की खत्म हो गई हैसियत का साफ अंदाजा लगता है।
उन्होंने आगे कहा कि जदयू-राजद में महागठबंधन सरकार बनने से पूर्व डील की शर्तों में पहला, जदयू से उपेंद्र कुशवाहा को निकालना तो दूसरा, राजद से पिता-पुत्र जगदानंद सिंह-सुधाकर सिंह को निकालना था, जबकि तीसरे शर्त के तौर पर नीतीश-ललन सिंह ने लालूजी-राबड़ीजी से पैर पकड़ गलती न दुहराने की कसम खाकर माफी मांग ली थी। अब महागठबंधन के भीतर की राजनीति इन्हीं शर्तों व स्क्रिप्ट के अनुसार चल रही है। नीतीश कुमार जी अगर स्क्रिप्ट से अलग काम करेंगे तो राजद न सिर्फ उनको हैसियत बताएगी बल्कि सीएम पद से हटाते हुए जबरन धकियाकर आश्रम भेज देगी।