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नीतीश के खास ‘मित्र’ ने ममता बनर्जी को दिया झटका... 2024 में नीतीश को पीएम बनाने के सपने को करेंगे साकार !

नीतीश के खास ‘मित्र’ ने ममता बनर्जी को दिया झटका... 2024 में नीतीश को पीएम बनाने के सपने को करेंगे साकार !

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. इन कयासबाजियों को इसलिए भी समर्थन मिलने लगा है क्योंकि अब नीतीश कुमार से रिश्ता तोड़कर अन्य दलों में शामिल हुए उनके कई पुराने सहयोगी फिर से जदयू में वापसी की राह पर दिख रहे हैं. जदयू में घर वापसी में नया नाम पवन वर्मा का जुड़ता दिख रहा है जो कुछ महीने पहले नीतीश से नाता तोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे. 

राज्यसभा के पूर्व सदस्य पवन के वर्मा ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के लगभग नौ महीने बाद शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व सांसद वर्मा पिछले साल नवंबर में टीएमसी में शामिल हुए थे। वर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘आदरणीय ममता जी कृपया पार्टी से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मुझे दिए गए स्नेह के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं आपके साथ हमेशा संपर्क में बने रहने की आशा करता हूं। आप सभी को शुभकामनाएं।’’

वर्मा को दिसंबर 2021 में टीएमसी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, इस साल फरवरी में नई पदाधिकारियों की समिति के गठन के बाद, उन्हें पार्टी में कोई औपचारिक पद नहीं दिया गया था। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक वह पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व से दूरी बनाए हुए थे। वे टीएमसी में फ़िलहाल संगठन या पश्चिम बंगाल सरकार किसी में पद पर नहीं थे. यहां तक कि उनके राज्य सभा जाने की अटकलबाजी को भी दो महीने पहले हुए चुनाव में झटका लगा जब टीएमसी ने वर्मा को टिकट नहीं दिया. 


अब बिहार में तेजस्वी यादव की राजद के साथ मिलकर नीतीश कुमार के सरकार बनाने के बाद पवन वर्मा का टीएमसी से इस्तीफा देना नए समीकरणों की ओर इशारा है. माना जा रहा है कि वे फिर से नीतीश कुमार के साथ मिलकर काम करेंगे और जल्द ही वे जदयू में घर वापसी कर सकते हैं. हालांकि उनकी ओर से इस पर कुछ नहीं कहा गया है. वे जदयू में रहकर सीएम नीतीश को अगला प्रधानमंत्री बनाने के जदयू के मिशन पर काम कर सकते हैं. 

हालांकि जनवरी 2020 में दिल्ली में जदयू के भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर पवन वर्मा नाराज थे. उन्होंने चिट्ठी लिखकर नीतीश कुमार को अपनी आपत्ति जाहिर की थी.  पवन वर्मा के मुताबिक निजी बातचीत में नीतीश कुमार हमेशा से मानते आए हैं कि नरेन्द्र मोदी और उनकी पॉलिसी देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं और वो भी 'आरएसएस मुक्त' भारत की परिकल्पना करते हैं.वहीं नागरिक साबित करने से जुड़े सीएए के मसले पर संसद में जदयू का समर्थन करने पर भी पवन वर्मा ने आपत्ति जताई थी. बढती दूरियों के बीच वर्मा जदयू से टीएमसीमें चले गए थे. लेकिन अब लगता है की वे फिर से जदयू में आ सकते हैं. 


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