पटना. जहरीली शराब पीने से कई लोगों की छपरा में हुई मौत के बाद अब नीतीश सरकार विरोधियों के साथ ही अपनों के भी निशाने पर है. सरकार को समर्थन कर रही सीपीआई माले ने सारण जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होने आए माले विधायकों ने गुरुवार को नीतीश सरकार की शराबबंदी को निशाने पर लिया. माले विधयाकों ने सीएम नीतीश से मांग की कि राज्य में शराबबंदी के नाम पर दलितों-गरीबों पर दमन चलाना बंद हो.
उन्होंने, सारण जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की. सारण (छपरा) जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या 31 से ज्यादा हो चुकी है. इस मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार विपक्षी दल भाजपा के निशाने पर है. भाजपा ने कल से ही इस मुद्दे पर विधानसभा के बाहर और अंदर हंगामा मचा रखा है. यहां तक कि विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
अब इसी मुद्दे पर विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के लोग भी नीतीश के निर्णय के विरोध में उतर आए हैं. सीपीआई माले के विधायकों ने प्लेकार्ड लहराते हुए छपरा शराबकांड को शराबबंदी की विफलता का उदाहरन कहा. उन्होंने कहा कि राज्य में में शराबबंदी के नाम पर दलितों-गरीबों पर दमन हो रहा है. यहां तक कि आए दिन लोगों की शराब पीने से मौत हो रही है. ऐसे में नीतीश सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाए. विशेषकर छपरा में शराब पीने से जो मौतें हुई हैं उसमें पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. हालांकि नीतीश कुमार ने एक दिन पहले ही ऐसी मांग से इनकार कर दिया था. लेकिन अब उनके साथ के दल ही मुआवजा जारी करने की मांग कर रहे है.
माले विधयाकों ने कई अन्य मुद्दों पर नीतीश सरकार सहित केंद्र सरकार को घेरा. विधयाकों ने हंसाडीह (मसौढ़ी) में निर्वस्त्र कर महिलाओं को पीटने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की. मृतक सोंम्देवी को परिजनों को मुआवजा देने की मांग की गई. वहीं केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार जवाब दो ! खाद की कमी का हिसाब दो ! इसके अलावा पटना के फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ना बंद करने और उनके लिए वेडिंग जोन की व्यवस्था करने की मांग नीतीश सरकार से की गई.