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नीतीश सरकार पैसा भी खर्च नहीं कर पा रही......और दावा है कि भारत से भी अधिक है बिहार का वार्षिक वृद्धि दर

नीतीश सरकार पैसा भी खर्च नहीं कर पा रही......और दावा है कि भारत से भी अधिक है बिहार का वार्षिक वृद्धि दर

एक तरफ बिहार सरकार बजट की राशि खर्च नहीं कर पा रही वहीं दूसरी ओर दावे ऐसे किए जा रहे हैं कि बिहार की वार्षिक वृद्धि दर भारत की वृद्धि दर से काफी अधिक है ।बिहार के योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें बताया गया है की वित्तीय वर्ष 2018-19 का सकल राज्य घरेलू उत्पाद का द्रुत अनुमान 5 लाख 57 हजार 490 करोड रुपए है। जिसके अनुसार राज्य की वार्षिक वृद्धि दर 15 फ़ीसदी है, जबकि भारत की संगत वृद्धि दर 11.2 फ़ीसदी है.यानि की भारत की वृद्धि दर से बिहार की वृद्धि दर काफी अधिक है।

 योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा ने बताया कि बिहार में वर्ष 2018-19 का प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद का अनुमान ₹47541 है. पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 13.2 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है .वहीं वर्तमान मूल्य पर वर्ष 2018-19 का प्रति व्यक्ति आय ₹43822 है. पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 13.4 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है .योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जो दावे किए गए हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर संगत वृद्धि दर 10 फीसदी है।जबकि बिहार का 13.4 फीसदी।

 बिहार सरकार का दावा है कि सूबे में जीएसडीपी काफी अच्छी प्रगति है और भारत की वृद्धि दर से बिहार की वृद्धि दर अधिक है ।तो दूसरी ओर बिहार सरकार का वित्तीय प्रबंधन ऐसा है कि अप्रैल से लेकर जनवरी तक बजय का 41 फीसदी राशि हीं खर्च कर पाई है।

अबतक महज 41 फीसदी राशि हुई है खर्च

नीतीश सरकार बजट की राशि खर्च करने में विफल साबित हो रही है. वित्तीय वर्ष 2019- 20 में अप्रैल 2019 से लेकर जनवरी 2020 तक महज 41 फ़ीसदी राशि ही खर्च कर सकी है .अब फरवरी और मार्च में 60 फ़ीसदी राशि कैसे खर्च होगी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा ने स्वीकार किया है कि 6 जनवरी 2020 तक की रिपोर्ट में कुल बजट का 41 फीस दी राशि खर्च हुई है. सरकार ने कहा है कि जो राशि खर्च नहीं होगी उसे विभाग सरेंडर करेगा. योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जो आंकड़े दिए गए हैं उसमें लगातार बजट राशि खर्च करने के प्रतिशत में कमी आ रही है. वित्तीय वर्ष 2016-17में जहां 64126.60 करोड़ में 64004 करोड़ यानी 99.81फीसदी राशि खर्च हुई थी.

 वहीं 17-18  में 70316 करोड़ में 66351 करोड़ यानी 94 फ़ीसदी राशि खर्च हुई। वहीं  वित्तीय वर्ष 2018-19  में खर्च करने का प्रतिशत घटकर 90.89 फीसदी रह गया। वित्तीय वर्ष 2019- 20 में कुल बजट 100001.00 करोड़ का है. इसमें जनवरी 2020 तक महज 41 फ़ीसदी राशि ही खर्च हो सकी है जो काफी कम है. अब अगले 2 महीनों में कुल बजट का 60 फीसदी राशि खर्च करना एक बड़ी चुनौती बन गई है. 

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