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कुर्सी हथियाने के मास्टर 'नीतीश'! इनमें इतनी योग्यता नहीं कि वह खुद की सीटों पर सरकार बना सके, दूसरी पार्टी के कंधे पर सियासत करना काम

कुर्सी हथियाने के मास्टर 'नीतीश'! इनमें इतनी योग्यता नहीं कि वह खुद की सीटों पर सरकार बना सके, दूसरी पार्टी के कंधे पर सियासत करना काम

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी अपने बलबूते बिहार में सरकार नहीं बना सकते हैं। उन्हें हमेशा से ही किसी दूसरी पार्टी के कंधे की जरूरत पड़ती रही है। पहले बिहार के लोगों ने बीजेपी को वोट दिया तो नीतीश मुख्यमंत्री बन गए। फिर जब लोगों ने राजद को 80 सीटों पर जीत दिलाई तो भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बन गए। कुल मिलाकर बिहार में वोट किसी को मिले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री इस फार्मूले को इतनी अच्छी तरह से समझ गए गए हैं कि बार बार इसे आजमाते हैं। कह सकते हैं कि वह इसके मास्टर हो चुके हैं। यह सारी बातें न्यूज4नेशन के साथ एमएलसी सच्चिनदानंद सिंह ने एक  बातचीत के दौरान कही।

अपनी बेइज्जती करवाकर भी हैं चुप

सच्चिदानंद सिंह इतने पर ही नहीं थमे। उन्होंने कहा कि एक जो पहले यह कह रहे थे कि भाजपा में हमारी बेइज्जती हो रही थी, इसलिए हमने उनका साथ छोड़ दिया। अब महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद हर दिन बिहार के मुख्यमंत्री के लिए नए नाम और नई नई संज्ञा दी जा रही है। उन्हें शिखंडी, नाइट वाचमैन और न जाने क्या क्या कहा जा रहा है और जदयू की मजबूरी है कि वह राजद की इस बेइज्जती को सहन करे। क्योंकि राजद के लोग बीजेपी की तरह नहीं है, जिनके आगे जदयू के लोगों की बोली निकल सके।

बीजेपी की हिम्मत नहीं थी नीतीश के सामने खड़े होने की

सारण से निर्दलीय एमएलसी चुने गए सच्चिदानंद सिंह ने कहा मुझे याद नहीं है कि भाजपा ने अग्निपथ योजना में प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के डिप्टी सीएम के घर पर हमले के रोकने की मांग करने के अलावा कभी भी नीतीश कुमार के सामने कुछ बोलने की हिम्मत दिखाई थी। भाजपा नेताओं की रीढ़ कभी इतनी मजबूत नहीं रही कि वह नीतीश कुमार के सामने खड़े हो सकें। वह हमेशा झुके रहते थे। लेकिन यह नीतीश कुमार को बेइज्जती लग रही थी।

सिर्फ कुर्सी से प्यार

सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार से ही प्रभावित होकर ही मैं राजनीति में आया था।, दो तीन साल उनके साथ काम करने के बाद यह समझ गया कि उन्हें न तो बिहार और बिहार के लोगों से कोई मतलब है। उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी से प्यार है। उन्हें कभी बिहार के विकास और बिहार की जनता की परवाह नहीं रही है। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि अपनी बेइज्जती के बाद वह फिर से भाजपा के साथ सरकार बनाने की तैयारी में लग गए होंगे। बीजेपी के लोग भी उनका बांहे खोलकर स्वागत करेंगे। यह बात अलग है कि अगर तेजस्वी यादव खुद जल्द गठबंधन तोड़ अपनी सरकार बनाएं तो स्थिति दूसरी होगी,  लेकिन इसके लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है। सच्चिदानंद सिंह ने इस दौरान सुधाकर सिंह द्वारा नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने को राजद का बयान बताया और इसे 16 आने सही कहा।


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