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नित्यानंद राय ने लिखा ब्लॉग- यह चुनाव, चुनाव मात्र नहीं, एक धर्मयुद्ध है

नित्यानंद राय ने लिखा ब्लॉग- यह चुनाव, चुनाव मात्र नहीं, एक धर्मयुद्ध है

PATNA : बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने लोकसभा चुनाव को लेकर ब्लॉग लिखा है। नित्यानंद राय ने लिखा- इस चुनाव में मुद्दा भी मोदी हैं, मसला भी मोदी हैं, मुद्दई भी मोदी हैं और मुदालह भी मोदी हैं। उन्होंने लिखा-यह पुण्य भूमि भारत और उसमें भी बिहार, यही हरेक भाजपाई की चिंता और चिंतन का आधार हैं, यही उसके मनन का केंद्र है और यहां के लोग ही उसका परिवार हैं। यह बात हरेक नेता-कार्यकर्ता पर लागू है, चाहे वो शीर्ष पर बैठे हमारे माननीय प्रधानमंत्री हों, या बूथ लेवल का कोई कार्यकर्ता!  यही कारण है कि मैं कहीं भी रहता हूं, लेकिन मेरे हृदय, मेरे मस्तिष्क में बिहार ही बना रहता है।

नित्यानंद राय ने आगे लिखा- वर्षों से तमाम सरकारों ने मेरे और आपके घर की उपेक्षा की थी। देश की इतनी बड़ी आबादी को पालने वाले राज्य, प्रकृति के दान से भरपूर समृद्ध होने के बावजूद यहां के विषय में किसी ने नहीं सोचा। पिछले 5 वर्षों में आप सब ने खुद महसूस किया होगा कि जनभागीदारी के जरिए हम अपने घर को संवारने में सफल रहे हैं।विकासपरक जितनी भी योजनाएं हैं, सभी को बिहार में लागू करवाया गया है। यह केवल और केवल मोदीजी के मजबूत नेतृत्व और विज़न का ही कमाल है। 

उन्होंने आगे लिखा-यहां पर विकासपरक कई कार्य या तो पूरे हो चुके हैं या फिर पूरे होने के कगार पर हैं। यह राज्य विकास के पथ पर सतत दौड़ता रहे, इसमें आप सबकी भागीदारी बहुत आवश्यक है। हमें अपने घर के विषय में सोचना है, इस पुण्य भूमि के विकास के विषय में सोचना है, अपनी आने वाली नस्लों के बारे में सोचना है। मतदान करते वक्त यह खुद से ज़रूर पूछें कि क्या हमारी नस्लें विकास के पथ पर बढ़ेंगी या फिर जाति के दलदल से ही जूझेंगी? आज जब मैं आप लोगों से बात कर रहा हूं, यानी अपने परिवार के लोगों से बाबस्ता हूं तो आप सबको यह बताना चाहता हूं कि यह चुनाव, चुनाव मात्र नहीं, एक धर्मयुद्ध है। 

अपने ब्लॉग में नित्यानंद राय लिखते हैं- नएक तरफ भ्रष्टाचारी, आतंकवाद और देशद्रोह को प्रश्रय देने वाले महमिलावटी लोग हैं, यानी कौरव-सेना है, जिसके पास न तो दृष्टि है, न कार्यक्रम है, न ही कोई सदिच्छा। है, तो बस किसी तरह मोदीजी को हटाने का और लूट-खसोट की नयी पारी शुरू करने का एजेंडा। दूसरी तरफ अर्जुन के स्वरूप में माननीय  मोदी जी हैं, जिनके पास "सबका साथ, सबका विकास" की दृष्टि है, प्रगति के कार्यक्रम हैं, और भारत को वैश्विक शक्ति बनाने का एकमात्र एजेंडा है। भगवान कृष्ण के रूप में जनता-जनार्दन खुद उनके रथ-संचालक तो हैं ही।  आप खुद महसूस कर रहे होंगे। 

एक मज़े की बात देखिये। जैसे महाभारत में कौरवों के सेनापति की मौत के बाद सेनानायक बदल जाता था, वैसे आज चुनाव के हर चरण के बाद महमिलावटियों  का नेतृत्व बदल जाता है। जो 20 सीट से भी कम पर लड़ रहे, वे भी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं।

नित्यानंद राय अपील करते हुए लिखते हैं- दोस्तों! बिना बिहार के साथ के भारत का विकास अधूरा रह जाएगा। यह चुनाव देश को योग्य नेतृत्व देने के लिए होने वाला चुनाव है, इसे कभी न भूलियेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में इस देश ने 5 वर्षों में जो कुछ हासिल किया है, उसे याद रखियेगा, यह चुनाव श्री मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का है, यह न भूलियेगा।

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