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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अनूठी मिसाल, अपनी दादी के शव को कंधा दे मंत्रालय का काम निपटाने वापस दिल्ली लौटे

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अनूठी मिसाल, अपनी दादी के शव को कंधा दे मंत्रालय का काम निपटाने वापस दिल्ली लौटे

हाजीपुर। पारिवारिक कर्तव्यों से ऊपर राज काज का कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर देश की सेवा में लगे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय आज एक अनूठी मिशाल कायम की है। जब एक ओर उनके मृत दादी का शव प़डा था उन्हें दादी के अंतिम क्रिया कर्म में भाग लेना था वहीँ दूसरी ओर देश की सेवा के कर्तव्य पथ पर चलना था।अब उन्हें इस दोनों कर्तव्यों में से किसी एक कर्तव्य का चुनाव करना था। आखिर उन्होंने देश की सेवा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का महत्वपूर्ण कार्य पूरा करने का फैसला लिया। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के दादी का निधन उनके पैतृक गाँव हाजीपुर के कर्णपुरा में गुरुवार की शाम को हो गया था। अपनी छोटी दादी के अचानक निधन की खबर की सुनकर नित्यानंद राय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के कामकाज के साथ चल रही लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुए महज कुछ घंटों में दिल्ली से हाजीपुर अपने गांव कर्णपुरा पहुंच गए। वे अपनी दादी को कंधा देते हुए शवयात्रा में शामिल हुए। इसके तुरंत बाद वापस दिल्ली लौट गए। दिल्ली वापस जाते समय आंखों में आंसू लिए उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए कठिन समय है मुझे परिवार के साथ इस कठिन समय में साथ रहने की इच्छा थी। लेकिन देश के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जाना है। 

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की छोटी दादी मुनक्का देवी का निधन गुरुवार की शाम हाजीपुर के कर्णपुरा स्थित उनके घर पर हो गया। वे करीब सौ वर्ष की थीं। जिस समय उन्हें दादी के निधन की खबर मिला वे दिल्ली में थे। लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही में गृह मंत्रालय की ओर से बतौर मंत्री भाग लेकर मंत्रालय पहुंचकर कामकाज निबटा रहे थे।अपनी दादी के मौत की खबर सुनकर दुखी हो गए। मंत्रालय का काम और लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही को लेकर उनका यहां आना कठिन था इसके बावजूद उन्होंने हाजीपुर अपने घर आकर अपने दादी के शवयात्रा में शामिल होने का निर्णय लिया और रात में ही हाजीपुर पहुंच गए। फिर अहले सुबह अपने दादी के शवयात्रा में शव को कंधा देकर दिल्ली वापस लौट गए।

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