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नियोजित शिक्षक और संविदाकर्मियों को भी मिले नियमित कर्मियो के भांति सभी सुविधाएं : अश्विनी पाण्डेय

 नियोजित शिक्षक और  संविदाकर्मियों को भी मिले नियमित कर्मियो के भांति सभी सुविधाएं : अश्विनी पाण्डेय

PATNA : वैश्विक कोरोना महामारी में दिन-रात अपनी सेवा दे रहे कर्मियों के लिए जब से बिहार सरकार ने विशेष पारिवारिक पेंशन, पचास लाख रुपए का बीमा, विशेष भत्ता एवं अन्य सुविधाओं की घोषणा की है. तबसे पंचायती राज संस्था एवं अन्य स्रोतों के तहत नियुक्त कर्मी और शिक्षक भी अपने लिए उन सुविधाओ की मांग कर रहे है. दरअसल बिहार में नियमित कर्मियों के बदले बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग एवं पंचायती राज व्यवस्था से कर्मियों की बहाली की गई है, जिनके लिए नियमावली एवं सुविधाएं तय तो सरकार करती है. लेकिन जब सुविधा देने की बात होती है तो उन्हें अपना कर्मी मानने से इंकार कर देती है और वे उन सुविधाओं से वंचित हो जाते है. कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न सरकारी कार्यो एवं सामुदायिक किचेन आदि में स्थानीय निकायों के शिक्षकों से व्यापक पैमाने पर कार्य लिया जा रहा है और नित्य ही कोई ना कोई शिक्षक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे है. कई शिक्षकों की जान भी इस महामारी ने ले ली है. 

टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के द्वारा बिहार सरकार से नियमित कर्मियों के भांति ही स्थानीय निकायों में कार्यरत शिक्षको के लिए विशेष भत्ता, विशेष पारिवारिक पेंशन, पचास लाख की बीमा, अनुकम्पा पर सरकारी नौकरी एवं अन्य सुविधाओं की मांग की गई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण के गिरफ्त में हजारों की सँख्या में शिक्षक आ रहे है और सैकड़ो शिक्षकों की जान भी जा चूंकि है. सामुदायिक किचन हो या कोई अन्य कार्य उसमे शिक्षक पूरी तन्मयता के साथ अपना योगदान दे रहे है. 

उन्होंने कहा की ऐसे में शिक्षकों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना भी सरकार का दायित्व है. तत्काल जिन शिक्षकों की जान कोरोना संक्रमण से हुई है. उनके परिजन को ईपीएफ एवं अन्य सुविधा के अतिरिक्त तत्काल आपदा राहत के तहत चार लाख की विशेष अनुग्रह राशि का भुगतान सुनिश्चित कर परिवार को राहत दिये जायें एवं अन्य सुविधाये जैसे कि पचास लाख का बीमा, विशेष पारिवारिक पेंशन, अनुकम्पा, विशेष भत्ता आदि के लाभ पर जल्द से जल्द विचार कर उसे लागू किया जाय। वही संघ के प्रदेश सचिव अमित कुमार एवं शाकिर इमाम ने बताया कि पिछले छः महीनों से बिहार के हजारों अप्रशिक्षित शिक्षक बगैर वेतन के ही कार्य कर रहे है. उनके वेतन भुगतान पर विभाग के स्तर से रोक लगाई गयी है. जिससे उनके परिजनों के समक्ष व्यापक भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. जिसे कोरोना काल में मानवीय दृष्टिकोण से वेतन से रोक हटाया जाए और अविलम्ब उनका वेतन भुगतान शुरू किया जाए.

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