पटनाः बिहार सरकार की नजर में नियोजित शिक्षक अपराधी बन गए हैं।लिहाजा सरकार ने सूबे के 5000 महिला-पुरूष शिक्षकों और उनके नेताओं पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है।पुलिस ने 15 शिक्षक नेताओं पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई जबकि 4 से 5 हजार अज्ञात नियोजित शिक्षकों पर केस दर्ज किया गया है।
इन शिक्षक नेताओं पर दर्ज हुआ नामजद मुकदमा
18 जुलाई को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के बाद 15 शिक्षक नेताओं पर पुलिस ने मुकदमा किया है।नामजद अभियुक्तों में नियोजित शिक्षक संघ के बिहार कॉडिनेटर वृजनंदन शर्मा समेत आनंद कौशल सिंह जमुई, विपिन बिहारी भारती लखीसराय, शमशेर बहादुर सिंह छपरा,अब्दुल हसीब पश्चिमी चंपारण, चांदनी कुमारी बांका, प्रदीप कुमार पप्पू, वंशीधर राजवंशी, मनीष कुमार सिंह -खगड़िया, पंकज कुमार सिंह, रामचंद्र राय समस्तीपुर,प्रकाश कुमार सीतामढ़ी, पंकज कुमार ,सुमन कुमारी समस्तीपुर पर केस दर्ज किया गया है।
क्या-क्या लगे हैं आरोप
गर्दनीबाग धरनास्थल पर दंडाधिकारी के रूप में तैनात नगर परिषद मसौढ़ी के कार्यपालक पदाधिकारी के फर्द बयान पर गर्दनीबाग थाने में केस दर्ज किया गया है। दंडाधिकारी ने शिक्षकों पर नाजायज मजमा लगाकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने,जानलेवा हमला करने,साजिश के तहत विधानसभा सत्र में व्यवधान उत्पन्न करने,सरकारी संपत्ति को नुकसान करने,जान-माल को नुकसान पहुंचाने,एवं लोक शांति भंग करने का आरोप लगा थाने में आवेदन दिया है।
शिक्षकों पर लगा धारा 307 समेत 12 धारा
मजिस्ट्रेट के आवेदन के बाद गर्दनीबाग थानेदार ने सभी शिक्षकों पर आईपीसी की धारा-307,353,147,148,149,186,323,337,427,338,332,120बी, के तहत केस दर्ज कर लिया है।18 जुलाई को आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए 6 शिक्षक नेताओं को 19 जुलाई को जेल भेज दिया गया है।जबकि बाकि नेताओं की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
बता दें कि जिन शिक्षक नेताओ पर नेम्ड केस दर्ज किया गया है वे भूमिगत हो गए हैं।पुलिस उनके पीछे लगी हुई है।हालांकि नियोजित शिक्षकों पर पुलिस लाठीचार्ज और शिक्षक नेताओं को जेल भेजने और केस दर्ज करने का मामला शुक्रवार को विधानमंडल में भी उठा था।विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर तानाशाह की तरह काम करने का आरोप लगाया था।