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बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्नान पर विधानमंडल के समक्ष नियोजित शिक्षकों का तीन दिवसीय आंदोलन...समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर जुटे हैं टीचर

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्नान पर विधानमंडल के समक्ष नियोजित शिक्षकों का तीन दिवसीय आंदोलन...समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर जुटे हैं टीचर

पटनाः नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को समान काम के लिए समान वेतनमान व समान सेवाशर्त की लड़ाई एक बार फिर से शुरू हो गई है।माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में मंगलवार से तीन दिवसीय आंदोलन की शुरूआत कर दी है।संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की लड़ाई हम हर हाल में जीतेंगे।

उन्होंने आंदोलनाकारी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि  एक तरफ तो सरकार बड़े जोर-शोर से संविधान दिवस मना रही है वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के मामले में संविधान का ही उल्लंघन कर रही है।ये बातें बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राज्य के नियोजित शिक्षकों व  पुस्तकालयाध्यक्षों के चार वर्षों से लंबित सेवाशर्त नियमावली के निर्धारण, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में वेतनमान लागू करने सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर मंगलवार से विधानमंडल के समक्ष (गर्दनीबाग धरना स्थल) शुरू हुए तीनदिवसीय शांतिपूर्ण धरना कार्यक्रम में शामिल शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कही। 

इस धरना कार्यक्रम के पहले दिन पूर्णिया, कोशी, तिरहुत प्रमंडल अंतर्गत जिलों के हजारों की संख्या में शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष सहित प्रखंड से प्रमंडल स्तर के संघीय पदाधिकारियों ने अपनी आवाज बुलंद की।संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने कहा कि नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के मामले में सरकार के टालमटोल नीति का प्रतिकार करने के लिए संघ जल्द ही आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा करेगा। 

धरना कार्यक्रम में विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह (कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र) और प्रो संजय कुमार सिंह (तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र) ने संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही पूर्व में समान काम के लिए समान वेतन के न्याय निर्णय के आलोक में हम सभी कोर्ट में लड़ाई लड़े लेकिन अब सड़क से सदन तक नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को उनका हक व हकूक दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी जायेगी। 

धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और संचालन संघ के शैक्षिक परिषद के सचिव शशिभूषण दूबे ने की।धरना कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में संघ के कोषाध्यक्ष नर्मदेश्वर शर्मा ‘पन्ना’, प्राच्य प्रभा के प्रधान संपादक विजय कुमार सिंह, मूल्यांकन परिषद के सचिव देववंश सिंह, प्रेस प्रबंधक वामेश्वर शर्मा, संयुक्त सचिव विनय मोहन, अरुण कुमार यादव, राज्य कार्यसमिति सदस्य मृत्युंजय कुमार, मनोज कुमार, प्रवीण कुमार, राजीव कुमार, गौतम महात्मा, मुकुल शुक्ला, प्रशांत कुमार सहित संबंधित जिलों व प्रमंडलों के अध्यक्ष व सचिव शामिल हैं। 

संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार (27 नवंबर) को मुंगेर, दरभंगा और भागलपुर प्रमंडलों के शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष सहित प्रखंड से प्रमंडल स्तर के सभी संघीय पदाधिकारी भाग लेंगे। साथ ही राज्य संघ के सभी पदाधिकारी धरनास्थल पर उपस्थित रहेंगे।

तीन सूत्री मांगें

1. नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवाशर्त नियमावली को अविलंब लागू करें। नियमावली में प्रमुख रूप से इन विंदुओं को शामिल किया जाए.क. सेवा निरंतरता-सभी सेवाओं को एक साथ जोड़ने के लिए। 

ख. नियमित शिक्षकों की भांति नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को भी 10 वर्ष, 20 वर्ष, 30 वर्ष की सेवा पर ऊपर के ग्रेड में प्रोन्नति।   

ग. नियोजित शिक्षकों को उपप्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति।

घ. नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को ईपीएफ की सुविधा। 

ड़. नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को जिला से बाहर ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा। 

2. समान कार्य समान वेतन के समक्ष सातवें वेतनमान में लागू माध्यमिक शिक्षकों के लिए लेवल-7 का मूल प्रवेश वेतन 44,900 व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए लेवल-8 में मूल प्रवेश वेतन 47,600 लागू करने के लिए। 

3. सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को विभिन्न प्रकार के गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने के लिए।

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