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NPR अपडेशन के लिए नहीं देना होगा कोई दस्तावेज, केंद्र सरकार ने किया साफ

NPR अपडेशन के लिए नहीं देना होगा कोई दस्तावेज, केंद्र सरकार ने किया साफ

NEWS4NATION DESK : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन के दौरान किसी भी नागरिक से कोई दस्तावेज एकत्र नहीं किया जाएगा। इस दौरान आधार नंबर देना भी एक स्वैच्छिक विकल्प होगा। केंद्र सरकार ने आज मंगलवार को यह साफ किया है। 

NPR के अपडेशन को लेकर संसद में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि NPR के अपडेशन के दौरान किसी भी कागजात की जरूरत नहीं है। साथ ही सरकार की ओर से ये भी जवाब दिया गया है कि इस दौरान ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा, जिससे किसी की नागरिकता पर सवाल खड़े हों। 

एनुमरेटर और पर्यवेक्षकों के लिए एनपीआर 2020 अपडेशन के लिए एक निर्देश पुस्तिका तैयार की गई है। लोगों को एनपीआर के लिए अपने ज्ञान और विश्वास आधार पर जानकारी देनी होगी।
 
 उन्होंने एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि, एनपीआर अपडेशन के दौरान कोई दस्तावेज एकत्र नहीं किया जाना है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एनपीआर अपडेशन प्रक्रिया के दौरान, उन व्यक्तियों को खोजने के लिए कोई सत्यापन नहीं किया जाएगा जिनकी नागरिकता संदिग्ध है। जनगणना 2021 की हाउस लिस्टिंग चरण के साथ पूरे देश में एनपीआर की प्रक्रिया होगी। यह 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक के बीच में की जाएगी।
 
 नित्यानंद राय ने कहा कि, प्रत्येक परिवार और व्यक्ति से संबंधित विशिष्ट विवरणों के संग्रह के लिए घर-घर जाकर एनपीआर अपडेशन किया जाएगा। इस दौरान आधार नंबर देना एक स्वैच्छिक विकल्प होगा। राय ने कहा कि जनसंख्या रजिस्टर आम तौर पर एक गांव या ग्रामीण क्षेत्र या कस्बे या वार्ड या सीमांकित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों का विवरण होता है। जो शहर या शहरी क्षेत्र में वार्ड के भीतर होता है। एनपीआर को पहली बार 2010 में तैयार किया गया था और 2015 में अपडेट किया गया था।

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