BHAGALPUR : जिले के दवा विक्रेताओं के लिए कोरोना आपदा अवसर में बदल गया है। कोरोना के दूसरे स्ट्रेन में कई दवा दुकानों के ओवररेटेड और कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है। ड्रग्स विभाग द्वारा छापेमारी कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बावजूद दुकान वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
मामले में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दो दुकानों को सील किया गया है, वहीं दो लोगों को अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा कई दवा दुकानों को नोटिस दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दवा दुकानों के दवाओं के अधिक दाम लिए जाने को लेकर हमने एक नंबर भी जारी किया है, जिसमें लगातार शिकायत मिल रही है। कई शिकायतों में यह कहा जाता है कि दुकानदारों द्वारा कैशमेमो नहीं दिया जाता है। उन्होंने बताया कि आधा दर्जनों दुकानों में छापेमारी की गई है।
कुछ दिन पूर्व भागलपुर के प्रतिष्ठित दवा दुकान माने जाने वाले आत्माराम मेडिकल हॉल में ड्रग्स विभाग ने छापेमारी की थी। जिसके बाद वहां कई खामियां पाई गई। पल्स ऑक्सिमिटर को 3000 में बेचने का जो आरोप था वह भी सच साबित हुआ। इसके बाद आत्माराम मेडिकल हॉल का लाइसेंस 10 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन इसके बाद भी यहां के दवा विक्रेताओं में किसी प्रकार खौफ नजर नहीं आता है।
बता दें कि भागलपुर राज्य के उन जिलों में शामिल है, जहां सबसे अधिक कोरोना के मामले सामने आए। इससे ज्यादा मामले सिर्फ पटना, गया और मुजफ्फरपुर में मिले हैं। कुछ दिन पहले ही यहां के एक प्राइवेट अस्पताल के कर्मी पर महिला से छेड़खानी का चर्चित मामला सामने आया था। इसके अलावा यहां के मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर खुद शहर के विधायक नाराजगी जता चुके हैं।