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वाल्मीकिनगर कस्टम में नहीं हो रहा है कोई कामकाज, चार महीने पहले हुआ था उद्घाटन

वाल्मीकिनगर कस्टम में नहीं हो रहा है कोई कामकाज, चार महीने पहले हुआ था उद्घाटन

BAGAHA : इन्डो नेपाल बॉर्डर वाल्मीकिनगर से सटे सीमावर्ती नेपाल में त्रिवेणी छोटी भंसार कार्यालय (नया कस्टम) का उद्घाटन किये चार माह से अधिक समय बीत चुका है. इससे एक ओर नेपाली कस्टम में बहार है, वहीं वाल्मीकिनगर कस्टम सुनसान है. आज यहां ताला लटका हुआ है. बताते चलें कि इसका विधिवत उद्घाटन नेपाल के सांसद तिलक महंत ने किया था. फिलहाल त्रिवेणी कस्टम कार्यालय स्थापित हो जाने से अब इस रास्ते नेपाल आने जाने वाले वाहनों के लिए राहत है. अभी 25 हजार नेपाली तक का कस्टम होने से भारतीय व्यापारी इसमें रूचि नहीं ले रहे है. बीते सप्ताह वाल्मीकिनगर कस्टम खुलने से यहां के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. लेकिन यह खुशी अधिक दिनों तक कायम नहीं रही. फिलहाल वाल्मीकिनगर कस्टम काग़जो में दौड़ रहा है. वाल्मीकिनगर कस्टम को लेकर आज थाना क्षेत्र के टंकी बाज़ार में इन्डो नेपाल कस्टम के अधिकारीयों की एक अहम बैठक की गई. जिसमें वाल्मीकिनगर कस्टम अधीक्षक अनुज कुमार ने बताया कि जब तक दोनों ओर कम्प्यूटरीकृत सुविधा बहाल नहीं हो जाती, तब तक भंसार प्रारंभ नहीं हो सकता है. अभी तक वाल्मीकिनगर कस्टम को जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. 

त्रिवेणी छोटी भन्सार के खुलने से दोनों देश मे विकास को गति मिलने की संभावना है. आने वाले दिनों में इस भंसार से पर्यटन और विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. वाल्मीकिनगर क्षेत्र का पहला ऐसा प्रमुख सीमा है जहाँ से लोगों को नेपाल आने और जाने में काफी सहूलियत मिल रही है. सबसे अधिक फायदा साधन सवारियों को है. प्रति दिन 50 से 60 भारतीय वाहन भंसार करा नेपाल जा रहें हैं. जिसमें काठमांडू सड़क मार्ग की दूरी करीब 100 किमी कम हो गई है. वहीं रक्सौल में लगने वाले जाम से वाहनों को छुटकारा मिल रहा है. इस सम्बन्ध में  वाल्मीकिनगर कस्टम अधीक्षक अनुज कुमार राज ने बताया कि जब तक त्रिवेणी छोटी भंसार का उन्नयन बड़ी भंसार में नहीं हो जाता. तब तक वाल्मीकिनगर कस्टम पूर्णतः एक्टीव नहीं होगा. भले ही दोनों देश के नागरिकों को एक-दूसरे के यहां आने-जाने के लिए किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ती. लेकिन सीमा पर दोनों ओर सुरक्षा के लिए पुलिस या अन्य बलों के जवान निगरानी करते हैं. दोनों देशों के कस्टम अधिकारी भी सीमा पर आने-जाने वाले लोगों की जांच के लिए मुस्तैद रहते हैं. यहां सीमा पर कई दुकानें हैं. ये दुकानें इलेक्ट्रॉनिक, दवाइयों और कपड़ों व राशन की हैं. खरीदारी करने के लिए लोग यहां एक-दूसरे की सीमा में जाते हैं. दोनों देशों के नागरिकों के बीच रिश्तेदारियां भी हैं. नेपाल सरकार ने भारतीय दो पहिया और चार पहिया वाहनों के भंसार शुल्क में वृद्धि कर दी है. एक दिन के लिए नेपाल में प्रवेश करने पर दो पहिया वाहन का भंसार शुल्क 113 रुपये नेपाली लगता था. अब इसे बढ़ाकर 150 रुपये (94 रुपये भारतीय मुद्रा) कर दिया गया है. चार पहिया वाहन ले जाने पर 452 रुपये लिए जाते थे. अब यह बढ़ा कर 500 रुपये नेपाली (312 रुपये भारतीय मुद्रा) लिया जा रहा है. वहीं तीन पहिया वाहन का 400 रू नेपाली, पिकअप 1700, बगैर भंसार के पकड़े जाने पर जुर्माना की राशि के रूप में चार पहिया वाहन से 2500 और दो पहिया वाहन से 1200 नेपाली मुद्रा वसूल किया जाता है. 

भारत आने वाले नेपाली वाहनों से नहीं वसूला जाता है शुल्‍क

वही इस सम्बन्ध में महेशपुर कस्टम चीफ विजय शाही ने बताया कि नेपाल सरकार ने यह शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव बजट में किया था. जिसे  नेपाल से जुड़ी सभी सीमाओं पर लागू कर दिया गया है. इसके विपरीत भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नेपाली नंबरों के वाहनों की फिलहाल कस्टम इंट्री भी नहीं हो रहीं हैं. 

बगहा से माधवेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

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