DELHI : शरद यादव नहीं रहे। बीती रात को जैसे ही उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी, बिहार सहित देश भर के राजनेताओं में शरद यादव के निधन पर शोक की लहर दौड़ गई। खास तौर उनकी कर्मभूमि बिहार में शायद ही कोई नेता हो, जो शरद यादव के इस तरह से चले जाने से गमगीन नहीं हुआ। बिहार की राजनीति से वह पांच दशक से जुड़े रहे। ऐसे में जब बीती रात यह खबर सामने आई की शरद यादव का अंतिम संस्कार बिहार में नहीं होकर मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में किया जाएगा। जिसके बाद कई लोगो को इस बात के बारे में जानकारी मिली कि शरद यादव ने सिर्फ बिहार को कर्मभूमि बनाया। उनका जन्म स्थली मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित एक छोटे से गांव बाबई में हुआ। लेकिन बिहार की राजनीति में वह ऐसे जुड़े रहे कि किसी को पता ही नहीं लगा कि वह बिहार के नहीं थे।
जहां जन्म लिया, वहीं अंतिम संस्कार
शरद यादव के निधन के बाद अब उनके शव को लेकर आज परिवार के लोग उनके होशंगाबाद जाएंगे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले आज दिन भर उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के छतरपुर स्थित आवास पर रखा जाएगा।