GAYA : शहर के जी बी रोड स्थित गौड़िया मठ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा, राधा कृष्णा, चैतन्य महाप्रभु को सर्दी से राहत के लिए ऊनी गर्म कपड़े बनाया गया है। गौड़िया मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दास महाराज ने बताया कि जैसे- जैसे सर्दी बढ़ेगी वैसे-वैसे सर्दी के कपड़े साल,कंबल,टोपी जराप पहनाया जाएगा।
यह परंपरा जगतगुरु भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी जी ने 1918 में गौड़िया मिशन में शुरू किया था। उस समय से यह परंपरा चली आ रही है। लेकिन गया में गौड़िया मठ की स्थापना 1936 में हुई और उस समय से यह परंपरा जारी है। वहीं उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा से सर्दी के मौसम की शुरुआत हो जाती है। इसी माह से भगवान को सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए ऊनी वस्त्र धारण कराए जाते हैं। इसी आस्था भाव के चलते भगवान गर्म पोशाक में दर्शन दे रहे हैं।
कहते हैं कि भगवान को जिस भाव से सेवा करते हैं। उसी भाव से भगवान अपने भक्तों को दर्शन भी देते हैं। यही वजह है कि सर्दी के मौसम आते ही भगवान के श्रृंगार और दिनचर्या भी बदल जाते हैं। प्रतिदिन श्रृंगार के समय कपड़े बदले जाते हैं। उन्होंने बताया कि ठंड का एहसास सिर्फ इंसानों को नहीं भगवान को भी होने लगता है। इसलिए भगवान को ऊनी वस्त्र बनाकर ठंड से बचाते हैं। प्रतिदिन प्रातः कालीन मध्यकालीन विशेष पूजा अर्चना किया जाता है। एकमात्र श्री कृष्ण नाम कीर्तन के द्वारा ही शांत किया जा सकता है।
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट