बेगूसराय-अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है तो बिहार में भी इसको लेकर जबदस्त उत्साह है. एक तरफ मां जानकी के पीहर और भगवान राम के ससुराल में उत्साह है तो बेगूसराय के अयोध्या में भी तैयारियां जोरो पर है. जी हां बिहार में भी अयोध्या और हनुमानगढ़ी है. बेगूसराय के अयोध्या में श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी के अलावा हनुमानगढ़ी मंदिर भी है. सबसे खास बात ये है कि यहां राम जानकी ठाकुरबाड़ी और हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-पाठ और घंटी बजने के बाद ही इलाके के लोग भोजन ग्रहण करते हैं. यहां के करीब हर घर में श्रीरामचरित मानस का पाठ रोज होता है. इतना हीं नहीं गांव वालों के अनुसार सात पीढ़ियों के गुजर जाने के बाद भी गांव के भूमिहार समाज के लोगों का आज भी एक ही जगह पर सिरा यानी कुलदेवता का मंदिर स्थापित है.
गांव वालों का कहना है कि बेगूसराय का अधोध्बया गांव साल 1880 के दशक में गंगा बाया नदी के किनारे से विस्थापित होकर बसा था. स्थानीय लोगों ने राम जानकी ठाकुरबाड़ी का निर्माण करवाया था. लोगों ने राम जानकी के नाम से कई बीघा कृषि योग्य जमीन दे दी, जिससे ठाकुरबाड़ी की व्यवस्था होती है. इस गांव के कई लोग रेलवे के बड़े पदों पर काम करते हैं.
अअयोध्या गांव में भूमिहार समाज के अतिरिक्त बनिया, यादव, धानुक, नाई, मोची, कानू सभी समाज के लोग यहां आपसी प्रेम से रहते हैं. गांव में छोटे-मोटे मामलों का निपटारा भी गांव के लोग आपस में बैठकर कर लेते हैं. राम भक्तों की धर्म परायणता और भगवान श्रीराम के प्रति उनकी गहरी आस्था के कारण ही इस गांव को नाम अयोध्या पड़ा.श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मौके पर गांव से लेकर ठाकुरबाड़ी तक ग्रामीणों ने सजाने-संवारने की तैयारी शुरू कर दी है. इस अवसर पर श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी में कलश यात्रा के साथ त्रिकुटी यज्ञ करेंगे. बहरहाल बेगूसराय का अधोध्या गांव आज की तारिख में आपसी सौहार्द्र का मिशाल बना हुआ है.