PATNA : दिल्ली में 9 जुलाई को जदयू की नगालैंड इकाई नगा समस्या को लेकर धरना देगी। धरना के पहले 8 जुलाई को दिल्ली में ही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमें उम्मीद है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठेगा। दिल्ली में 9 जुलाई को दिया जाना वाला धरना बिहार को विशेष दर्जा दिलाने के लिए नहीं बल्कि नगालैंड के मुद्दा से जुड़ा है।
जदयू की नगालैंड इकाई दिल्ली में 9 जुलाई को नगा समस्या के समाधान के लिए धरना
देगी। विशेष दर्जा प्रकरण के बाद यह दूसरा मुद्दा है जिसके आधार पर नीतीश कुमार, नरेन्द्र
मोदी पर दबाव बना रहे हैं।
जदयू, पूर्वोत्तर के राज्यों में सबसे ज्यादा मजबूत नगालैंड में ही है। वह मौजूदा सरकार की सहयोगी भी है। जदयू नगालैंड में तब से सक्रिय है जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे। जदयू ने 2003 के नगालैंड विधानसभा चुनाव में 13 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिसमें तीन को जीत मिली थी। 2013 में जदयू का एक विधायक जीता था। 2018 में भी जदयू का एक विधायक जीता है। जदयू नगालैंड की स्थानीय मुद्दे को उठा कर अपनी राजनीतिक हैसियत बढ़ाना चाहता है।
2018 के नगालैंड विधानसभा चुनाव के पहले नगा समस्या को हल करने का राजनीति
अभियान चला था। नगा समुदाय असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश के नगा बहुल इलाकों के
मिला कर ग्रेटर नगालिम राज्य बनाने की मांग कर रहा है। 2015 में प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की सरकार और नगा समूहों को बीच एक समझौता हुआ था। अब इस समझौते को
लागू करने की मांग तेज हो गयी है। इस समझौते को लागू करने में कई बिन्दुओं पर अन्य
राज्यों की सहमति की भी जरूरत है। जिसकी वजह से इस पर अबी तक अमल नहीं हो सका है।