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नक्सलियों के लिए एके - 47 उपलब्ध करानेवाला कुख्यात नक्सली हुआ गिरफ्तार, 10 लाख का था इनाम, NIA भी कर रही थी तलाश

नक्सलियों के लिए एके - 47 उपलब्ध करानेवाला कुख्यात नक्सली हुआ गिरफ्तार, 10 लाख का था इनाम, NIA भी कर रही थी तलाश

RANCHI : झारखंड में नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक बार फिर सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। रांची पुलिस ने  टीएसपीसी का जोनल कमांडर व 10 लाख का इनामी भिखन गंझू को रांची के सदर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। भिखन गंझू प्रतिबंधित संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी ( TPC) का सक्रिय सदस्य है। बताया गया कि  पिपरवार के अशोका व टंडवा के मगध व अाम्रपाली कोल परियोजना से जुड़े टेरर फंडिंग मामले में एनआइए को भिखन की तलाश थी. चतरा के पिपरवार का रहनेवाले भिखन पर टीएसपीसी के लिए कोल परियोजनाओं से लेवी वसूलने का आरोप है

पकड़े जाने के डर से जंगल में छिपा था नक्सली

बताया जा रहा है कि जंगली इलाकों में सुरक्षा बलों की गतिविधियां तेज होने के कारण भिखन पंडरा क्षेत्र में रह रहा था। दावा किया जा रहा है कि रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा को गुप्त सूचना मिली थी कि भिखन गंझू पंडरा इलाके में रह रहा है। इसके बाद इसकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम के गठन का निर्देश दिया गया। टीम ने छापेमारी कर उग्रवादी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को उम्मीद है कि भिखन से पूछताछ में उग्रवादियों के बारे में कई अहम जानकारियां हाथ लग सकती हैं।

NIA को भी थी भीखन की तलाश

राज्य पुलिस के साथ-साथ NIA भी भीखन की तलाश में लगी थी। NIA की चार्जशीट में भीखन गंझू के नाम का भी खुलासा हुआ था। NIA अधिकारियों के मुताबिक झारखंड के TPC उग्रवादियों ने 50 से अधिक एके 47 हथियार खरीदे थे। एनआइए ने पूर्व में उग्रवादी परमेश्वर गंझू के यहां से लेवी की राशि बरामद की थी. इस मामले में भी कहा गया था कि वह राशि भिखन गंझू ने ही परमेश्वर के यहां रखवाया था.इस सारी डील में भीखन गंझू शामिल था। इसके अलावा वह CCL का कर्मचारी रहा है। कंपनी में काम करने के साथ वह TPC से भी जुड़ा रहा था। मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में भी भीखन गंझू की संलिप्तता बताई जाती है। 

पूछताछ में हो सकते हैं खुलासे

पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं. पूर्व में रांची के कांके थाना क्षेत्र में टंडवा के उपप्रमुख बबलू मुंडा पर फायरिंग मामले में भी भिखन का नाम सामने आया था. वहीं बबलू के बड़े भाई प्रेम सागर मुंडा की मोरहाबादी में हत्या में भी भिखन के नाम आयाा था . कुछ दिनों पहले टंडवा में हुए आगजनी की वारदात में भी भिखन के नाम की चर्चा हुई थी.

संगठन के लिए वसूली का काम करता था भिखन

कोल परियोजनाओं व कोयला ट्रांसपोर्टरों से लेवी वसूली का काम भिखन गंझू ही करता था. दो वर्ष पूर्व एनआइए ने जब टेरर फंडिंग मामले में प्राथमिकी के बाद एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की . उस वक्त भिखन चतरा छोड़ कर कुछ दिनों तक इधर-उधर भागता रहा. फिर उसने असम को अपना ठिकाना बना लिया था।

परिवार से मिलने आया तो फंस गया

होली में वह परिवार के लोगों से मिलने के लिए चतरा के पिपरवार स्थित पैतृक घर जा रहा था. इसी क्रम में रांची के पंडरा में उसके होने की सूचना पर पुलिस की स्पेशल टीम ने छापेमारी कर उसको दबोच लिया. भिखन से गुप्त स्थान पर रांची पुलिस, विशेष शाखा, एटीएस सहित अन्य एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही है


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