PATNA : पटना हाई कोर्ट में एक दशक से भी चली आ रही एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर ) व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इस व्यवस्था के समाप्त होने के बाद अब कोई भी वकील पटना हाई कोर्ट में अपना मुकदमा खुद दायर कर सकता है।इस संबंध में हाई कोर्ट द्वारा गजट प्रकाशन भी 8 अप्रैल,2022 को कर दिया गया।
पहले था यह नियम
सुप्रीम कोर्ट की तर्ज पर पटना हाई कोर्ट में भी एओआर व्यवस्था वर्ष 2010 में लागू किया गया था। जो अधिवक्ता एओआर सिस्टम लागू किये जाने के पहले एक निर्धारित कटऑफ डेट तक हाई कोर्ट या उसके 10 किलोमीटर के नजदीक के किसी भी कोर्ट में वकालत करते थे ,उन्हें हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा एओआर नम्बर उनके अनुरोध पर आवंटित किया गया था।
पहले दूसरे वकीलों की लेनी पड़ती थी सहायता
उसके बाद एओआर के लिये प्रतिवर्ष परीक्षा ली जाने लगी । हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में लागू किये गए एओआर सिस्टम को ही समाप्त कर दिया । हालांकि एओआर सिस्टम से हाई कोर्ट में वैसे वकील को काफी परेशानी होती थी, जो खुद एओआर नही थे । उन्हें अपना मुकदमा किसी दूसरे एओआर से दायर करवाना पड़ता था।अब उन्हें इस कठिनाई से राहत मिल गई।