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अब मोदी राज में बिना सिविल सर्विस परीक्षा पास किये बनिए अफसर, केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

अब मोदी राज में बिना सिविल सर्विस परीक्षा पास किये बनिए अफसर, केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

NEW DELHI : मोदी  सरकार ने बड़ा फैसला किया है ।अब बड़े अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर चयन किया जाएगा। बहुप्रतीक्षित लैटरल एंट्री की औपचारिक अधिसूचना सरकार की ओर से जारी कर दी गई है। रविवार को इन पदों पर नियुक्ति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग के लिए विस्तार से गाइडलाइंस के साथ अधिसूचना जारी की गई। सरकार अब इसके लिए सर्विस रूल में जरूरी बदलाव भी करेगी। 

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प्राइवेट कंपनी में काम करने वालों को  मौका 
सरकार चाहती है कि निजी क्षेत्र के अधिकारियों को विभिन्न विभागों में उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव रैंक के पदों पर नियुक्त किया जाए. सूत्रों के मुताबिक, निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर चयन किया जाएगा। डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालयों में जॉइंट सेक्रटरी के पद पर नियुक्ति होगी। इनका टर्म 3 साल का होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो 5 साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है। इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है। इनका वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत जॉइंट सेक्रटरी वाला होगा। सारी सुविधा उसी अनुरूप ही मिलेगी। पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लैटरल एंट्री से जुड़ी अधिसूचना पर कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा। सिंह ने कहा, 'यह उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का एक प्रयत्न है। इसके पीछे प्रेरणा यह है कि यह हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से अपना विकास सुनिश्चित करने के लिए मौका देता है।' 

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