NALANDA : सरकार की दोरंगी नीति, शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति तथा शोषण के खिलाफ शनिवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई की ओर से धरना का आयोजन किया गया. इस मौके पर संघ की ओर से नियमित शिक्षकों की तरह पूर्ण वेतनमान, पुरानी सेवा शर्त में सामंजित करते हुए राज्य कर्मी का दर्जा सहित 15 सूत्री मांगे की गयी.
धरना के बाद शिक्षकों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह को सौंपा. धरना की अध्यक्षता करते हुएसंघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने कहा कि शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा के अधिकार अधिनियम को सफलीभूत करने वाले सूबे के लाखों नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार चाहे तो नियोजित शिक्षकों को समान काम का समान वेतन दे सकती है. लेकिन सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों को अपना हक पाने के लिए एकजुटता के साथ सरकार से आर-पार की लड़ाई करो या मरो की तर्ज पर लड़ना होगा.
इसके लिए 17 फरवरी से सूबे के लाखों शिक्षकों ने 75 हजार विद्यालयों में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है.
नालंदा से राज की रिपोर्ट