NEWS4NATION DESK : 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनानेवाले प्रशांत किशोर के रिश्ते अब भारतीय जनता पार्टी से अच्छे नहीं हैं. इस चुनाव के बाद भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. इस चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे जदयू के लिए चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए. प्रशांत किशोर भाजपा की हार के पटकथा लिखने में जुट गए. इस चुनाव में बिहार में महागठबंधन की जीत हुई.
बाद में उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सलाहकार बना दिया गया. इसके बाद प्रशांत किशोर जदयू में शामिल हो गए. उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया. लेकिन प्रशांत किशोर ने अपने कंपनी ‘आईपैक’ को आगे बढाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए. अब प्रशांत किशोर ने अपना रुख दक्षिण भारत की ओर कर लिया है. वे अब तमिलनाडु में द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता एमके स्टालिन के लिए काम करेंगे. प्रशांत किशोर तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021 में डीएमके की जीत के लिए जनवरी 2020 के बाद काम में जुट जाएंगे. इस सम्बन्ध में प्रशांत किशोर व एमके स्टालिन के बीच बातचीत हो चुकी है.
2021 में चुनाव
तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि के निधन के बाद साल 2021 में पहला विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इस चुनाव में एआईडीएमके और डीएमके की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. फिल्म स्टार कमल हासन और रजनीकांत भी चुनाव मैदान में नजर आएंगे. रजनीकांत ने अपनी अलग पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. कमल हासन की पार्टी एमएनएम भी पीछे नहीं दिख रही. जरूरत पड़ी तो कमल हासन और रजनीकांत हाथ भी मिला सकते हैं. तमिलनाडु की इस कड़ी राजनीतिक लड़ाई में डीएमके की तरफ से प्रशांत किशोर की एंट्री को बड़ी घटना माना जा रहा है.