बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अब सुशील मोदी को हुई भोजपुरी और मगही की चिंता, कहा - महिलाओं को अपमानित-लज्जित करने के लिए हो रहा इस्तेमाल

अब सुशील मोदी को हुई भोजपुरी और मगही की चिंता, कहा - महिलाओं को अपमानित-लज्जित करने के लिए हो रहा इस्तेमाल

PATNA : पिछले कुछ दिनों से बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी अपने राजनीतिक ट्विट को लेकर चर्चा में रहते हैं। लेकिन अब उन्हें भोजपुरी और मगही  भाषा को लेकर भी चिंता होने लगी है। सुशील मोदी ने भोजपुरी भाषा में आई अश्लिलता को लेकर चिंता जाहिर करते हुए लिखा है  कि यह भाषा सिर्फ महिलाओं को अपमानित और लज्जित करने के लिए प्रयोग हो रहा है।

कानून बनाकर लगाएं रोक

सुशील मोदी ने लिखा है कि हिंदी भाषी बिहार के विभिन्न अंचलों में कई बोलियाँ प्रचलित हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भोजपुरी और मगही का सबसे ज्यादा दुरुपयोग अश्लील ऑडियो-वीडियो बना कर महिलाओं को अपमानित-लज्जित करने में धड़ल्ले से हो रहा है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह राज्य सरकार ने महिलाओं की अस्मिता बचाने और घरेलू हिंसा पर कारगर रोक लगाने के लिए पूर्ण शराबबंदी लागू की थी, उसी तरह अश्लील गानों और वीडियो पर सख्ती से रोक लगायी जानी चाहिए।

शादी प्रशासन का अनुमति से तो व्यवस्था देखना उनका काम

सुशील मोदी यहीं पर नहीं रूके, उन्होंने शादी समारोहों में बजनेवाले अश्लील गीतों को लेकर भी सरकार से दखल देने की मांग की है। पूर्व डिप्टी सीएम ने लिखा है कि जब बारात प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं निकलती, तब प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बारात में कोई भी व्यक्ति अश्लीलता, शराबखोरी और दबंगई दिखाने के दुस्साहस न कर सके। बिहार को शर्मसार करने वाली ऐसी प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाना चाहिए। 

राज्यसभा सांसद ने लिखा है कि विवाह और बारात हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं, लेकिन बारात के दौरान पिंजरानुमा वाहनों में लड़कियों की अश्लील ढंग से नुमाइश करना, शराब पीकर नाचना और बारात के कन्यापक्ष के द्वार पहुँचने पर हर्ष फायरिंग करना परम्परा नहीं, बल्कि सामाजिक विकृति है। 

कोरोना पर जीत पर जताई खुशी 

सुशील मोदी ने भारत में तीन करोड़ लोगों के कोरोना पर जीत को लेकर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने लिखा है कि अमेरिका की 84.18 फीसदी की तुलना में भारत में 97.18 प्रतिशत रिकवरी रेट होना साबित करता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद हमने कोरोना का डट कर मुकाबला किया है।


Suggested News