PATNA : बिहार के सियासी हलके में
अब दोनों तरफ आग भड़क गयी है। एनडीए के बाद अब महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग का सवाल
खड़ा हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने राजद से अधिक सीटों की
मांग की है। कांग्रेस के इस रुख पर राजद ने कहा है कि समय आने पर इसका फैसला किया
जाएगा।
कांग्रेस ने ये बात साफ की है अब 2014 जैसे हालात नहीं हैं।
इस लिए सीटों का बंटवारा, पहले की तरह नहीं होगा। राजद ने कांग्रेस को समय का इंतजार
करने के लिए कहा है।
2014 में राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर खींचतान
हुई थी। काफी जद्दोजहद के बाद सीटों का बंटवारा हुआ था। राजद को एक और सीट
कांग्रेस को देनी पड़ी थी, इसके बाद चुनावी तालमेल की अंतिम घोषणा हुई थी। 2014
में राजद ने 27 सीटों पर, कांग्रेस ने 12 सीटों पर और एनसीपी ने एक सीट पर चुनाव
लड़ा था। जहां तक चुनावी नतीजों की बात है तो राजद के चार, कांग्रेस के दो और
एनसीपी के एक उम्मीदवार को जीत मिली थी। 2014 में राजद को 24 लोकसभा सीटों पर हार
का सामना करना पड़ा था।
2015 के विधानसभा चुनाव के बाद राजद और कांग्रेस की सियासी
हैसियत अब पहले बढ़ गयी है। विधानसभा चुनाव के हिसाब से अभी राजद सबसे बड़ा दल है।
उसके 80 विधायक जीते थे। कांग्रेस के भी 27 विधायक जीते थे। नरेन्द्र मोदी के
विकल्प के रूप में जिस महागठबंधन की संभावना बन रही है उसमें लीडिंग पार्टी कांग्रेस
रहेगी। इस लिए कांग्रेस बिहार में सम्मानजनक तरीके से सीट बंटवारा के लिए दबाव बना
रही है। कांग्रेस अब 12 से अधिक सीटें चाहती है। राजद ने फिलहाल इस सवाल को भविष्य
के लिए टाल दिया है।