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बिहार में अब "CD" वाली सियासत से मचेगी सनसनी..कोई उधर गिरेगा तो कोई इधर...

बिहार में अब "CD" वाली सियासत से मचेगी सनसनी..कोई उधर गिरेगा तो कोई इधर...

पटना. राजनीति में कई ऐसे वाकये आए हैं जब देश ने सीडी (CD) सियासत से कई बड़े बदलावों को देखा है. सीडी सियासत यानी सीडी कांड जिसमें नेताओं के जुड़े ऐसे खुलासे हुए हैं जिससे राजनेताओं का दामन दागदार हुए. अब कुछ ऐसा ही सीडी कांड बिहार की राजनीति में होता दिख रहा है. इस सीडी सियासत से भी संभव है बिहार में राजनीतिक भूचाल आए. एक बार फिर से सत्ता को साधने के नए समीकरण गढ़े जाएं. कई नेताओं के चोरी-छिपी यारियां उजागर हों और नए सियासी खेल देखने को मिलें. बिहार का यह सीडी कांड अगले सप्ताह हो सकता है. इस सीडी कांड में एक साथ कई नेताओं को देखने को मिल सकता है. सीडी कांड कई नेताओं की नजदीकियों को भी उजागर करेगा. 

बिहार का यह सीडी कांड 14 और 15 जनवरी को सामने आएगा. इस सीडी कांड की रुपरेखा बननी शुरू हो गई है. सियासी खेमेबाजी के लिए नेताओं को चोरी-छिपे न्योता भी दिया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि सीडी कांड में कौन कौन नायक होंगे और किसे खलनायक बनाया जाएगा. बिहार का यह सियासी सीडी कांड मकर संक्रांति के दौरान देखने को मिलेगा. अतीत को देखें तो पहले भी बिहार में मकर संक्रांति के सीडी सियासत से सियासी बवंडर मच चुका है. 

यह सीडी कांड किसी चरित्र हनन की पोल नहीं खोलेगा. ना ही इस सीडी कांड में किसी की रंगीन मिजाजी के किस्से सामने आएँगे. ना ही यह सीडी कांड किसी का चेहरा बेनकाब करेगा. ना ही इससे किसी नेता की कालीकमाई उजागर होगी. और ना ही सीडी कांड से किसी एक अंतरंग पलों को दिखाया जाएगा. बिहार में सियासी समीकरणों को बनाने और बिगाड़ने वाले जिस सीडी कांड की बात की जा रही है वह है सी यानी चूड़ा और डी यानी दही. चूड़ा-दही (सीडी) भोज को लेकर सियासी गलियारों में कई आयोजनों की चर्चा जोरों पर है. 

मकर संक्रांति पर बिहार में सियासी चूड़ा-दही का आयोजन होता रहा है. संक्रांति के बहाने कई प्रकार की सियासी खिचड़ी पकती है. इस बार बिहार में इसे ही सीडी कांड के नाम से कहा जा रहा है. इस सीडी कांड में जदयू  संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई प्रकार की चर्चा है. महात्मा फुले समता परिषद (एमपीएसपी) के बैनर तले उपेंद्र कुशवाहा का यह चूड़ा-दही आयोजन इसलिए खास है क्योंकि कहा जा रहा है कि इसमें न सिर्फ जदयू और राजद सहित महागठबंधन के नेता आमंत्रित हैं बल्कि भाजपा के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर महागठबंधन संग सरकार बनाई. उसके बाद से जदयू के किसी बड़े नेता की ओर से आयोजित भोज में यह पहला मौका होगा जब भाजपा के नेता शामिल हो सकते हैं. हाल में जब पूर्व मंत्री और राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को शिखंडी कहा तो उनकी टिप्पणी का कुशवाहा ने विरोध जताया. ऐसे में अब उनका सियासी सीडी कांड काफी अहम होगा. 

इतना ही नहीं सीडी कांड की इसी कड़ी में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हैं. तेजस्वी की ओर से राबड़ी देवी के आवास 10, सर्कुलर रोड पर चूड़ा-दही भोज करने की खबर है. इसमें कौन से नेता आते हैं यह बेहद अहम होगा. लालू यादव पहले भी अपने चूड़ा-दही भोज के लिए प्रसिद्ध रह चुके हैं. उनके ही राह पर चलकर अब तेजस्वी भी कुछ वैसा ही करने जा रहे हैं. तेजस्वी के सीडी कांड में कौन से दलों के नेताओं की एंट्री होती है यह बेहद अहम होगा. 

इन सबके बीच भाजपा नेताओं की ओर से ऐसे किसी आयोजन की चर्चा नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि न सिर्फ भाजपा बल्कि जीतन राम मांझी की पार्टी हम, कांग्रेस और चिराग पासवान तथा उनके चाचा पशुपति पारस की लोजपा की ओर से ऐसे सीडी कांड देखने को मिल सकते हैं. 


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