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अब प्रतिनिधि नहीं चलेंगे, पंचायत भवन में प्रतिनिधियों के बैठने पर लगी रोक, महिला मुखिया को आना होगा बाहर, नहीं तो छोड़नी होगी कुर्सी

अब प्रतिनिधि नहीं चलेंगे, पंचायत भवन में प्रतिनिधियों के बैठने पर लगी रोक, महिला मुखिया को आना होगा बाहर, नहीं तो छोड़नी होगी कुर्सी

BUXER : पंचायतों में यह परिपाटी चली आ रही है कि महिलाएं मुखिया बनने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी खुद नहीं संभालती है। बल्कि उनका एक प्रतिनिधि सारे काम करता है। अब बक्सर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि प्रतिनिधि की प्रथा नहीं चलेगी। अब महिला पंचायत मुखिया को घूंघट की ओट से निकलकर खुद गांवों की बागडोर संभालनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें मुखिया का पद गंवाना भी पड़ सकता है।

पंचायत भवन में प्रतिनिधि  के बैठने पर रोक

मामले में जिला पंचायती राज पदाधिकारी बीरेंद कुमार ने साफ कर दिया है कि  महिला मुखिया के स्थान पर यदि उनके पति अथवा देवर मिनी सचिवालयों (पंचायत भवन/सरकार भवन) में बैठे तो पंचायती राज एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। यहां तक की मुखियागिरी भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखने को मिलता है कि महिला मुखिया के पति और देवर ही उनके स्थान पर मीटिंग लेने पहुंच जाते हैं। इसकी शिकायत मिली तो गाज गिर सकती है।

समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी
 पंचायती राज अधिकारी ने कहा कि में महिला मुखिया को अपना अधिकार समझना होगा और खुद ग्राम पंचायत का नेतृत्व करना होगा। एक्ट के तहत सिर्फ मुखिया को ही ये अधिकार दिए गए हैं कि ग्राम पंचायत की बैठकों का नेतृत्व करें। बैठक के दौरान प्रधानों की हिस्सेदारी जरूरी है। उन्हें सामुदायिक शौचालयों के निर्माण व गोशालाओं की भी देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जब तक वह महिला मुखिया खुद इसमें भागीदारी नहीं करेंगी, तब तक इसे वह कैसे समझेंगी। 

सिर्फ दस्तखत तक सीमित

 इस बार डुमरांव की 14 ग्राम पंचायतों में चार महिलाएं ग्राम प्रधान महिला चुनी गई हैं। हालांकि अमूमन यह देखने में आता है कि महिलाएं सिर्फ नाम की प्रधान होती हैं। कागजातों पर दस्तखत करने और किसी विशेष कार्यक्रम के अलावा उनकी कहीं उपस्थिति नहीं दिखती। उनके स्थान पर पति अथवा देवर ही गांवों की सत्ता संभालते हैं। पंचायत भवनों में सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हैं। वहीं मिनी सचिवालयों में बैठकर ग्राम पंचायतों का सारा कामकाज देखते हैं।

 रजिस्टर में किया जाएगा मेनटेन

 बैठक के दौरान क्या शिकायतें आईं, क्या कार्रवाई हुई, इसकी डिटेल रजिस्टर में अंकित करनी होगी। पंचायत भवन में रखे रजिस्टर में बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होंगे। सभी विभागों के एक-एक कर्मचारी की भी क्रमवार उपस्थिति लगेगी। पंचायत भवन की दीवार पर प्रत्येक विभाग के कर्मचारी का फोन नंबर अंकित होगा।

 

 

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