NEWS4NATION DESK : क्रिकेट वर्ल्ड कप के बाद होनेवाले मैचों में टीम इंडिया के जर्सी पर ओप्पो का टाइटल नजर नहीं आएगा. ओप्पो और भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड के बीच करार अभी खत्म नहीं हुआ है. लेकिन ओप्पो ने इस करार से हाथ खींच लिया है. दोनों के बीच 31 मार्च 2022 तक का था. हालाँकि ओप्पो ने इस करार को तोड़ा नहीं है. उसने घाटे का सौदा बताकर अपने हाथ पीछे किये हैं.
उसने जर्सी पर टाइटल स्पांसर का अधिकार एक बेंगुलरु बेस्ड एजेकुशन टेक्नोलॉजी वाली कंपनी बायजू को शेयर कर दिया है. अब टीम इंडिया के जर्सी पर बायजू ही नजर आएगा. बताते चले की मार्च 2017 में ओप्पो ने विवो को पछाड़कर यह अधिकार हासिल किया था. ओप्पो की ओर से टाइटल स्पांसर के लिए 1079 करोड़ की बोली लगाई थी. जबकि विवो की ओर से इसके लिए 768 करोड़ की बोली लगाई गयी थी.
कितने पैसे देता था ओप्पो
ओप्पो द्विपक्षीय सीरिज के एक मैच के लिए 4.61 करोड़ रुपये देता है. वहीँ कंपनी की ओर से आइसीसी टूर्नामेंट के एक मैच के लिए यह रकम 1.56 करोड़ हो जाती है. वजह यह है की आइसीसी मैच के दौरान स्पांसर सीने पर न होकर बाजू पर चला जाता है.
ओप्पो से पहले यह अधिकार स्टार इंडिया के पास था. जो द्विपक्षीय सीरिज के एक मैच के लिए बीसीसीआइ 1.92 करोड़ रुपये देता था. जबकि आइसीसी के एक मैच के लिए 61 लाख रुपये दिए जाते थे. अब राइट्स बायजू के पास हैं तो कंपनी को द्विपक्षीय सीरिज और आइसीसी के टूर्नामेंट के मैच के लिए ओप्पो के बराबर रकम चुकानी होगी.