बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अब ख्वाब बनकर रह जाएगा राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में सफर करना, रेलवे करने जा रही है यह बड़ा बदलाव

अब ख्वाब बनकर रह जाएगा राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में सफर करना, रेलवे करने जा रही है यह बड़ा बदलाव

DESK : भारत की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिनके लिए राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में अब तक सफर करने का मौका नहीं मिल सका है। अब शायद यह मौका कभी नहीं मिल पाएगा। क्योंकि रेलवे इन दोनों प्रिमियम ट्रेनों को बंद करने पर विचार कर रही है। इन दोनों ट्रेनों का युग अब खत्म होने जा रहा है। उनका स्थान सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस लेने जा रही हैं। दो कुर्सीयान (चेयरकार) वंदे भारत ट्रेन चलाने के बाद रेल मंत्रालय इस साल शयन (स्लीपर) सुविधा वाली वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है।

कम समय और अधिक सुविधा वाला होगा सफर

सेमी हाई स्पीड वंदे भारत में ट्रेन में तमाम खूबियां होंगी, लेकिन रेलवे की सबसे तेज राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से तीन घंटे पहले पहुंचने के कारण यह यात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेंगी। ईंधन की खपत कम होने के साथ यात्रियों को सफर का नया अनुभव कराएंगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन तकनीक है जिससे इसकी रफ्तार में काफी सुधार हुआ है। माना जा रहा है कि जल्द ही रेलवे की तरफ से इस पर अधिकारिक रूप से फैसला लिया जा सकता है। 

51 साल से भारतीय रेल की पहचान है राजधानी एक्सप्रेस

राजधानी एक्सप्रेस पिछले 51 साल से देश में रेलवे की पहचान रहा है। 1 मार्च, 1969 को राजधानी एक्सप्रेस पहली बार पटरियों पर दौड़ी। तत्कालीन रेल मंत्री राम सुभाग सिंह ने राजधानी पर फूलों की माला चढ़ाकर, इसे चलने के लिए हरी झंडी दिखाई। जिसके बाद, यह 120 किमी प्रति घंटा की स्पीड से नई दिल्ली से कोलकाता के हावड़ा स्टेशन पर पहुंची। इसने पहले 24 घंटे में तय किये जाने वाले सफर को 17 घंटे में खत्म कर दिया, यहीं से यह यात्रियों और देश का दिल जीतने में कामयाब हो गई। आज के समय में 20 राजधानी एक्सप्रेस चलती है। जो कि अलग अलग राज्यों को देश की राजधानी से जोड़ती है। 

Suggested News