PATNA : नितिन
गडकरी ने नीतीश कुमार को टका से जवाब दे दिया है। गडकरी ने कहा है कि बिहार को
विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। संविधान में इसकी कोई चर्चा नहीं है। अगर
ये मांग मान ली जाती है तो अन्य राज्य भी ऐसा करने के लिए कह सकते हैं। गडकरी के
इस जवाब के बाद नीतीश कुमार की एक बड़ी मुहिम को जोरदार झटका लगा है। अब नीतीश
क्या करेंगे ?
जदयू के प्रधान
महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि हम एनडीए में हैं, और रहेंगे। लेकिन हर मंच पर ये
मांग उठाते रहेंगे। झारखंड के बंटवारे के बाद बिहार में संसाधनों की कमी है। बिहार
के विकास के लिए विशेष राज्य दर्जा जरूरी है।
2005 में सत्ता
हासिल करने के बाद नीतीश कुमार लगातार इस मांग को उठा रहे हैं। विधानसभा से इसके
लिए प्रस्ताव भी पारित हुआ था।
2012 में मनमोहन
सिंह की सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा देने से इंकार दिया था। संवैधानिक बाध्यता
का हवाला दे कर ये मांग खारिज कर दी गयी थी। उस समय नीतीश की इस मांग के साथ भाजपा
भी खड़ी थी। अब जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो उसने भी इस मांग को खारिज कर
दिया।
अब क्या करेंगे
नीतीश कुमार ? जब
महागठबंधन तोड़ कर नीतीश कुमार भाजपा के साथ आये थे तो वे समझते थे कि उनकी राह
आसान हो जाएगी। विशेष दर्जा, नीतीश कुमार का सबसे बड़ा राजनीतिक सपना है। ये सपना
अब पूरा होता नहीं लग रहा।