PATNA: एक तरफ बिहार में सरकार ऐलान कर चुकी है कि एनआरसी नहीं लागू होगा।वहीं दूसरी तरफ आसाम में लागू एनआरसी की आंच बिहार पहुंच चुकी है।गौरतलब है कि एनआरसी को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। आसाम में लागू हुए एनआरसी को लेकर पहले हीं काफी सवाल खड़े किए जा चुके हैं।लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्णय के बाद आसाम में लागू एनआरसी का प्रभाव देश के अधिकांश राज्यों में पड़ा है।
बिहारी होने का सबूत मांग रही असम सरकार
बता दें कि रोजगार की तलाश में बहुत सारे बिहारी काफी पहले तो कुछ पिछले कुछ सालों में असम में बस चुके हैं।एनआरसी की कसौटी पर खरा उतरने के लिए किसी भी नागरिक को अपनी पहचान का सत्यापन करना पड़ता है।इसी सिलसिले में असम में रह रहे हजारो बिहारियों की पहचान सत्यापन के लिए बिहार सरकार को कागजात मुहैया कराया गया है।अब राजस्व विभाग उन कागजातों का सत्यापन कर रिपोर्ट असम को भेजगी।
इस बावत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी डीएम को पत्र लिखा है।पत्र में कहा गया है कि एडीएम राजस्व को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन ऑफ आसाम के द्वारा भेजे गए पहचान सत्यापन की रिपोर्ट लेकर बैठक में आना है।
16 बिंदूओं पर होगी समीक्षा
बिहार सरकार भूमि विवाद निपटारे को लेकर लगातार पहल कर रही है ऑनलाइन जमाबंदी, ऑनलाइन दाखिल खारिज को लेकर सरकार का खास ध्यान है। इसी कड़ी में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सूबे के सभी एडीएम राजस्व की बैठक बुलाई है। 2 और 3 मार्च को आयोजित बैठक में 10 बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी ।इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सभी डीएम को पत्र लिखकर एडीएम राजस्व को 10 बिंदुओं की रिपोर्ट लेकर बैठक में आने को कहा है।
बैठक में इन 16 बिंदुओं पर होगी समीक्षा
बैठक में अभियान बसेरा, ऑपरेशन भूमि दखल देहानि ,जमाबंदी पंजी कंप्यूटराइजेशन ,ऑनलाइन लगान वसूली ,ऑनलाइन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत करना, वासगीत पर्चा, उच्च न्यायालय -सर्वोच्च न्यायालय के केसों की समीक्षा, निगरानी विभाग से संबंधित विभागीय कार्रवाई, सेवांत लाभ. इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण है वह 10वें नंबर पर है- नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन ऑफ आसाम इस पर भी रिपोर्ट मांगी गई है.