NEWS4NATION DESK : हिंदुस्तान में एकओर लोकतंत्र का पर्व अपने उफान पर है, वहीं दूसरी तरफ विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी अपने देश के लोकतंत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं। बेशक मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रवासी भारतीयों के बीच एक बड़ा ही सकारात्मक उत्साह देखने को मिला है। उसका असर लोकसभा चुनाव पर भी देखने को मिल रहा है। टूर एन्ड ट्रेवेल्स चलनेवाले कम्पनियों के आंकड़े को माने तो काफी संख्या में यानी रिकॉर्ड प्रवासी भारतीय जनप्रतिनिधि के चुनाव हेतु भारत पहुंच रहे हैं।
सिर्फ जापान से 5000 से ज्यादा एनआरआई अप्रैल और मई माह में वोट देने भारत आ चुके हैं। भारत के तरह ही विदेशों में भी चाय पर चर्चा कर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने की अपील कर रहे हैं। रिपोर्ट्स बताते हैं कि पश्चिमी देशों में मोदी का बोलबाला है। लोगो का मानना है कि मजबूत राजनीतिक खानदान से होये हुए भी राहुल अपनी छवि से लोगो को प्रभावित नहं कर पाए हैं वहीं नरेंद्र मोदी आज भी सबसे ज्यादा आकर्षक व्यक्तित्व के तौर पर लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। प्रवासियों का मानना है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विदेशों में भारतीयों की इज़्ज़त बढ़ी है। इतना ही नहीं भाजपा के सत्ता में आने के बाद संघ सहित अन्य हिन्दू संगठनों ने अपनी जड़ें विदेशों में और मजबूत कर ली हैं।
हां अलबत्ता प्रवासी भारतीयों के बीच एक बात की चर्चा जरूर है कि हमारे नेताओं के द्वारा भाषण में कम अपशब्दों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। जापान में बसे एक प्रवासी भारतीय बताते हैं कि अगर जापान में तीन दफा से ज्यादा किसी भी नेता के द्वारा चुनाव प्रचार में अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो उसकी उम्मीदवारी रदद् कर दी जाती है। यहां तो एक ही बार अपशब्दों के इस्तेमाल के बाद आपकी छवि बिगड़ जाती है।