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बोझ तले दबे अफसर ! परिवहन विभाग ने पहले से ही ओवरलोडेड MVI के कंधों पर दिया 'पहाड़' सा बोझ, 3 जिला चलाने की दी जिम्मेदारी...जो एक जिला संभाल रहे क्या वो सक्षम नहीं ?

बोझ तले दबे अफसर ! परिवहन विभाग ने पहले से ही ओवरलोडेड MVI के कंधों पर दिया 'पहाड़' सा बोझ, 3 जिला चलाने की दी जिम्मेदारी...जो एक जिला संभाल रहे क्या वो सक्षम नहीं ?

PATNA:  परिवहन विभाग में तरह-तरह के प्रयोग होते हैं. अब जरा देखिए....एक एमवीआई को तीन जिलों का जिम्मा दे दिया गया है. भला बताइए...एक अफसर तीन जिलों में काम करेगा तो बोझ से दबना लाजिमी है. लेकिन परिवहन विभाग ने एक मोटरयान निरीक्षक के कंधे पर पहाड़ सा बोझ लाद दिया है. 28 अगस्त को विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें पहले से ही ओवरलोड चल रहे पूर्णिया के एमवीआई उपेन्द्र राव, जिनके जिम्मे पहले से ही सहरसा जिले का अतिरिक्त प्रभार है, उन्हें एक और जिला अतिरिक्त प्रभार में दे दिया है. विभाग के इस आदेश से तरह-तरह की चर्चा शुरू है.

पूर्णिया एमवीआई के जिम्मे तीन जिला 

हम बात कर रहे हैं पूर्णिया के मोटर यान निरीक्षक की. जिले के एमवीआई उपेन्द्र राव को पहले से ही विभाग ने सहरसा जिले के अतिरिक्त प्रभार दे रखा है. अब सुपौल जिला भी उनके हवाले कर दिया गया है. यानि उपेन्द्र राव अब पूर्णिया के साथ-साथ सहरसा और सुपौल का भी काम देखेंगे. परविहन विभाग के उप सचिव ने इस संबंध में 28 अगस्त को ही आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि उपेन्द्र राव अब पूर्णिया, सहरसा के साथ-साथ सुपौल का भी काम देखेंगे. 

संयोग है या सेटिंग ? 

बता दें, बिहार में कई ऐसे एमवीआई हैं जिनके जिम्मे एक ही जिला है, उनके ऊपर और जिम्मेदारी देने की बजाय, पहले से ही अतिरिक्त प्रभार का बोझ ढो रहे पूर्णिया के मोटरयान निरीक्षक उपेन्द्र राव को तीसरा जिला देने पर तरह-तरह की चर्चा शुरू है.  विभाग ने 30 जून को 16 एमवीआई को इधर से उधर किया है. इनमें से सिर्फ पांच को ही एक-एक जिला अतिरिक्त प्रभार में दिया गया है.अन्य 11 मोटरयान निरीक्षकों के जिम्मे सिर्फ एक-एक जिला है. जानकार बताते हैं कि अगर इनमें से किसी एक को सुपौल की जिम्मेदारी दी जाती तो एक अफसर के ऊपर काम का बोझ कम होता. वहीं राजस्व संग्रह में भी सरकार को सहूलियत होती. पूर्णिया और सहरसा जिला वैसे भी राजस्व संग्रह के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. अब परिवहन विभाग के इस नए आदेश से तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा यह है कि क्या जिनके जिम्मे सिर्फ एक जिला है या फिर छोटे जिले में तैनात हैं वे काबिल नहीं हैं. क्या वे परिवहन विभाग की शर्तों को पूरा नहीं कर सकते ? एक को तीन जिले का प्रभार देना सिर्फ एक संयोग है या सेटिंग ? 

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