बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार में मनाई जाती है ‘बुढ़वा होली’, देश में अपनी किस्म की यह एक मात्र होली है, जानिए खासियत

बिहार में मनाई जाती है ‘बुढ़वा होली’, देश में अपनी किस्म की यह एक मात्र होली है, जानिए खासियत

पटना. होली का जश्न बेहद खास होता है. हर राज्य में होली की अपनी विशिष्ट पहचान और शैली है. इसी में बिहार में मनाई जाने वाली ‘बुढ़वा होली’ पूरे देश में सबसे जुदा है. ‘बुढ़वा होली’ की खासियत है कि यह राज्य के एक क्षेत्र विशेष में ही होता है. इस होली की पौराणिक महत्ता है. साथ ही बुढ़वा होली को लेकर कुछ प्रचलित मिथक हैं और यह परम्परा सदियों से बरकरार है. बिहार में मगध इलाके में बुढवा होली का उल्लास हर साल बेहद निराले अंदाज में देखने को मिलता है.

मगध क्षेत्र के नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया और अरवल के साथ पटना के इलाके में बुढ़वा होली मनाने की परम्परा रही है. माना जाता है कि मगध इलाके में यह होली बुजुर्गों के सम्मान में मनाई जाती है. लोक मान्यताएं हैं कि सदियों पूर्व मगध के बड़े जमींदार होली के दिन बीमार पड़ गए. वे भलमानुस थे और आम लोगों के सुख दुःख में हमेशा साथ रहते थे. लोगों में उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि जब उनके बीमार होने की खबर आई तो लोग उदास हो गये. मगध के लोगों ने उस समय बीमार जमींदार के सम्मान में होली नहीं मनाने का निर्णय लिया. 

जनता के होली न मनाने की बात जब स्थानीय राजा तक पहुंची. इस दौरान जमींदार भी स्वस्थ हो गये. तब राजा ने होली के अगले दिन एक बार फिर से होली मनाने का ऐलान किया. इसे बुढ़वा होली का नाम दिया गया. तब से मगध के इलाकों में होली के अगले दिन बुढ़वा होली मनाई जाती है. 

बुढ़वा होली मनाने के पीछे यह भी मानना है कि यह बुजुर्गों के सम्मान में मनाई जाती है. इस दिन मगध क्षेत्र में लोग झुमटा (बसिऔरा) निकालते हैं. वे एक प्रकार का जुलुस निकालकर नाचते गाते हुए हर घर जाते हैं और समाज के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं. विलुप्त होती परंपरा के बीच आज भी मगध के इलाकों में ‘बुढ़वा होली’ मनाई जाती है. 







Suggested News