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महिला बॉक्सर को पुरुष बॉक्सर से लड़ाने को लेकर विवादों में घिरा ओलंपिक कमेटी, प्रधानमंत्री ने अपने खिलाड़ी के लिए मांगा न्याय

महिला बॉक्सर को पुरुष बॉक्सर से लड़ाने को लेकर विवादों में घिरा ओलंपिक कमेटी, प्रधानमंत्री ने अपने खिलाड़ी के लिए मांगा न्याय

DESK : पेरिस ओलंपिक खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन से ज्यादा अपनी व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में है। जहां गंदगी के कारण खिलाड़ियों की तबीयत खराब हो रही है। वहीं आज बॉक्सिंग मुकाबले में जिस तरह से इटली की एक महिला बॉक्सर एंजेला कैरीन को पुरुष बॉक्सर के सामने खड़ा कर दिया गया। उसके बाद आयोजन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जहां सोशल मीडिया में लगातार इस मैच को लेकर आयोजकों पर निशाना साधा जा रहा है। वहीं अब इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने भी अपने खिलाड़ी के लिए आवाज उठाई है। 

पेरिस ओलंपिक पर बोलीं जॉर्जिया मेलोनी!

इटली की प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश की महिला बॉक्सर के साथ गलत हुआ। एंजेला कैरीना को पुरुष बॉक्सर के साथ लड़ा देना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसका खुलकर विरोध करना चाहिए। ये कहां का नियम है, अल्जीरिया के पुरुष बॉक्सर के पहले प्रहार से ही हमारी इटली की बॉक्सर घायल हो गयी। 45 सेकंड के अंदर ही उसने हार मान ली और रिंग छोड़ दिया। पूरी दुनिया ने उसे रोते हुए देखा है, सभी को ओलंपिक एसोसिएशन के इस फैसले का विरोध करना चाहिए।

क्या हुआ था आज के मैच में 

बता दें कि महिला बॉक्सिंग के वेल्टरवेट कैटेगिरी में इटली की एंजेला कैरिनी और अल्जीरिया की इमान खेलीफ के बीच हुआ मुकाबला सिर्फ 46 सेकेंड के अंदर ही खत्म हो गया। बॉक्सिंग का ये अहम मुकाबला इतनी जल्दी खत्म होने पर सभी हैरान जरूर रह गए लेकिन इसका कारण इमान खलीफ का पंच था जो इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी को इतनी जोर से लगा कि वह रोंने लगीं और बाद में उन्होंने इस मैच को तुरंत ही छोड़ने का भी फैसला किया। 

इसी के बाद पेरिस ओलंपिक में एक नया विवाद भी सामने आया जिसमें इमाम खलीफ वह बॉक्सर हैं जिनके ऊपर आरोप है कि वह महिला नहीं पुरुष हैं और इसी कारण इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने उन्हें पिछले साल बैन कर दिया था।

 बैन के बावजूद पेरिस ओलंपिक में कैसा मिला मौका

आईबीए से प्रतिबंधित होने के बावजूद आखिर अल्जीरिया का बॉक्सर इमान खेलीफ को पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका कैसे मिला तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ओलंपिक खेलों में बॉक्सिंग इवेंट के मुकाबले आईबीए के अंडर में नहीं होते हैं। इन मैचों की पूरी जिम्मेदारी इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी संभालते है जिसमें साल 1999 में जेंडर को लेकर होने वाले सभी टेस्ट बंद कर दिए थे। महिला बॉक्सिंग में ओलंपिक में हिस्सा लेने के एक बॉक्सिंग खिलाड़ी को सिर्फ अपने महिला होने का सर्टिफिकेट होता है


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