DEVGHAR : श्रावणी मेला में लोगों को कृष्णा बम का बेसब्री से इंतजार रहता है. उन्हें लोग माता बम भी कहते हैं. वे सावन में प्रत्येक रविवार को डाक बम के रूप में देवघर जाने के लिए अजगैबीधाम आती हैं. उनके दर्शन का शहरवासियों और कांवरियों को इंतजार रहता है. वर्ष 2013 में शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुई कृष्णा बम इसके पहले भी कई धर्म यात्राएं कर चुकी हैं.
डाक बम के रूप में इस बार उनका 38वां वर्ष है. 2006 में सुल्तानगंज से देवघर दंड प्रणाम करते हुए दांडी बम बनकर गई थी. कल सावन मास की पहली सोमवारी है. कृष्णा बम इस बार डाक बम बनकर देवघर जा रही है. उनके साथ सैकड़ों लोगों का हुजूम है. उनकी सुरक्षा के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. खबर लिखे जाने तक वे असरगंज पार कर चुकी हैं.
बताते चलें की श्रावणी मेला में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु डाक बम के रूप में भाग लेते हैं, यह धर्म यात्रा मैराथन रेस से काफी बड़ा है. प्रसिद्ध मैराथन रेस की निर्धारित दूरी 42 किलोमीटर है. जबकि अजगैबीनाथ धाम से बाबा धाम की दूरी 104 किलोमीटर है और इस दूरी को 24 घंटे के अंदर पूरा करने की बाध्यता के साथ डाक बम यात्रा करते हैं.
दिनोदिन इनकी संख्या में बढ़ोतरी भी हो रही है. महिला डाक बम की संख्या भी हर वर्ष बढ़ रही है. डाक बम के इस रेस में भाग लेने वाला हर व्यक्ति खुद इसका आयोजक और खुद निर्णायक भी है.
बेगूसराय से धनंजय झा की रिपोर्ट