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ESIC अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पूछा – रिक्त पदों को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की

ESIC अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पूछा – रिक्त पदों को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की

PATNA : कोरोना काल के दूसरे फेज में सरकार की सबसे ज्यादा किरकिरी बिहटा स्थित ESIC अस्पताल के कारण उठानी पड़ी थी। 500 बिस्तरों वाले इस सर्व सुविधा युक्त अस्पताल में लंबे समय तक न तो डॉक्टर नियुक्त किए जा सके और न ही दूसरे नर्सिंग स्टाफ के खाली पद को भरा जा सका। अब कोरोना के मरीजों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन ESIC अस्पताल की चर्चा फिर से होने लगी है। इस बार हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा   है कि ESIC अस्पताल में स्टाफ की स्थायी नियुक्ति को लेकर क्या कार्रवाई की गई है। 

दरअसल, ESIC अस्पताल को लेकर शिवानी कौशिक व अन्य लोगों ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया कि इस अस्पताल में डॉक्टरों,नर्सिंग स्टाफ,कर्मचारियों समेत अन्य बहुत सारे पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जिस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि पटना समेत पूरे राज्य में सभी लोगों को निःशुल्क Covid से बचाव के लिए टीका दिया जा रहा है। साथ ही कोर्ट को राज्य सरकार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी  प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोर्ट को यह भी बताया गया है कि जनरल मेडिकल ऑफिसर के 2590 और विशेषज्ञ डॉक्टरों के  3706 खाली जगहों को भरने के लिए कॉउंसलिंग पूरा कर लिया गया है। शीघ्र ही इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होनी की उम्मीद है। साथ ही बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 171 डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है। बता दें कि पिछली सुनवाई में  Covid के संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर की जा रही तैयारियों का भी विस्तृत जानकारी मांगी गई थी।

टीकाकरण की भी दी जानकारी

कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि  सभी जिलों में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक टीका केंद्रों पर टीका देने की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में यह भी कहा कि 121 टीका एक्सप्रेस गाड़ियों के जरिये वृद्ध और दूर दराज में रहने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान की जा रही है। शहरी क्षेत्रों के लिए कुल 121 गाड़ियां यूनिसेफ और केयर इंडिया जैसे डेवलपमेंट एजेंसी के जरिये भाड़े पर लेकर के सरकार को दी गई है।

हाईकोर्ट ने मामले में संतुष्टी जाहिर करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 25 अगस्त को मुकर्रर की है.


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