PATNA : बिहार में शराब पीने से हो रही मौतों को लेकर भाजपा लगातार नीतीश सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही है। मारे गए लोगों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रही है। खासकर सुशील कुमार मोदी लगातार यह कह रहे हैं शराबबंदी के कारण बिहार को न सिर्फ 35 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बल्कि इस दौरान एक हजार से अधिक लोगों की मौत भी हुई है। सुशील कुमार मोदी के द्वारा लगातार नीतीश सरकार पर हो रहे हमले का जवाब देने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कमान संभाल लिया है।
मुंगेर सांसद ने शराब सेवन से होनेवाली मौतों का राष्ट्रीय आंकड़ा पेश करते हुए भाजपा नेता को चुनौती देते हुए कहा है कि कुछ भी बोलने से पहले आंकड़ें देखें, उसके बाद ही कुछ बोलें। ललन सिंह ने सुशील मोदी का नाम लेते हुए लिखा है कि जहरीली शराब बनाना और पिलाना एक अपराधिक प्रवृत्ति है जो अपराध की श्रेणी में आता है। यह सिर्फ सारण की घटना नहीं है, पूरे देश की घटनाएं है। कुछ बोलने से पहले देशभर का आंकड़ा देखिए। भाजपा सहित पूरा बिहार मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, ध्यान है न...।
दरअसल, ललन सिंह ने जो आंकड़ा पोस्ट किया है। उसमें 2016 से 2021तक के बीच देश के कुछ प्रमुख राज्यों में शराब सेवन से होनेवाली मौतों का आंकड़ा प्रस्तुत किया है। इसके अनुसार देश में शराब सेवन से सबसे ज्यादा 1232 लोगों की मौत मध्य प्रदेश में हुई है। इसके बाद कर्नाटक में 1013, पंजाब में 852,यूपी में425 और राजस्थान में 330 लोगों की मौत हुई है। जबकि बिहार में पिछले पांच सालों में सिर्फ 23 लोगों की मौत जहरीली शराब सेवन से हुई है। हालांकि इन आंकडों को कई लोगों ने गलत बताया है।
मोदी ने मुआवजे का किया था जिक्र
इससे पहले सुशील मोदी ने बीते रविवार को शराब से होनेवाली मौतों पर मुआवजे दिए जाने को लेकर बिहार सरकार के एक पुराने मामले की जानकार दी थी। जिसमें पीड़ितों के परिवार को चार-चार लाख मुआवजा दिया गया था। इसके साथ ही सुशील मोदी ने बिहार सरकार के नियमों में मुआवजा दिए जाने का भी प्रावधान होने की बात कही।