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आजादी के 75 साल पूरे होने पर आम जनता को मोदी सरकार ने दिया मंहगाई का तोहफा, पहली बार देना होगा अनाज खरीदने पर टैक्स

आजादी के 75 साल पूरे होने पर आम जनता को मोदी सरकार ने दिया मंहगाई का तोहफा, पहली बार देना होगा अनाज खरीदने पर टैक्स

PATNA : केन्द्र सरकार की जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक अब अनब्रांडेड और प्री-पैक्ड वस्तुओं पर पांच फीसदी जीएसटी लगेगा। आजादी के बाद देश में पहली बार अनाज सहित अन्य जरूरी खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगा है। लेकिन अब केंद्रीय माल सेवाकर अधिनियम 2017 के अनुसार अब चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी, दही, छाछ, लस्सी अन्य पैक्ड अनाज, बीज आदि पर जीएसटी लगेगा। इस निर्णय पर राज्य के भीतर व देश के अन्य राज्यों में व्यापारी संगठनों ने विरोध भी दर्ज कराया है।

एक तरफ आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ 75 साल में  पहली बार अनाज एवं अनब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी का भुगतान करना होगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय से हर घर का बजट बिगड़ेगा। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं और अब आटा, चावल और दाल के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार और बढ़ जाएगी। सोमवार से आटा के दाम 130 रुपए और बनास्पति चावल के दाम 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाएंगे।

वर्तमान में गेहूं के आटा का दाम 2600 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। 5 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद उपभोक्ताओं को 2730 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएंगी। इसी तरह चावल, दाल, मैदा सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम में भी इजाफा हो जाएगा।

व्यापारियों के अनुसार आजादी के बाद देश में पहली बार अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगा था। देश के कई हिस्सों में इसका विरोध भी शुरू हो गया है और सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग शुरू हो गई है।

अब भी 80 फीसदी घरों में अनपैक्ड सामान की खरीदारी

85 प्रतिशत घरों में अनब्रांडेड खाद्य वस्तुओं का उपयोग, अब सभी पर चुकाना होगा टैक्स व्यापारियों के मुताबिक 85 प्रतिशत घरों में 100 में से 70 से 80 प्रकार के सामान अनब्रांडेड प्री पैक्ड होते हैं। ऐसे में जीएसटी लगने के बाद एक-एक सामानों की कीमतें बढ़ेगी। 100 प्रकार सामान लेने पर प्रति परिवार पर कम से कम 800 से 1000 रुपए का भार आएगा। वर्तमान में सभी प्रकार के खाद्य उत्पाद अब जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे। 

इससे बाजार में महंगाई बढ़ेगी। साथ ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को भी महंगाई का सामना करना पड़ेगा। इन उत्पादों पर लगेगा 5 फीसदी जीएसटी...चावल, आटा, मैदा, सूजी, पोहा, दही, छाछ, लस्सी, सभी प्रकार के गुड़, फूला हुआ चावल (मुरी), चपटा या पीटा हुआ चावल, बीज, अनाज पर 18 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

थोक में राशन खरीदने पर मिलेगी राहत

जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के नई दरों में 25 किलो से अधिक वजन वाले राशन के सामान पर जीएसटी लागू नहीं की गई है। राजस्व विभाग ने जीएसटी ऑन प्री-पैक्ड एंड लेबल्ड से जुड़ी कई चीजों को स्पष्ट किया है, जिसके अनुसार अगर आटा, चावल जैसी खाने वाली वस्तुओं की पैकिंग लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत है, तो 25 किलो से अधिक के वजन पर जीएसटी नहीं लगेगा। अगर आम उपभोक्ताओं के नजरिए से कहें तो अब बढ़ी हुई दरों से राहत हासिल करना है तो आटा चावल और दूसरे राशन के सामान की खरीदारी थोक में करनी होगी।

कोई 5-5 किलो के पैकट मिलाकर वजन को 25 किलो से ज्यादा किया जाता है। तो इस स्थिति में 5 फीसदी की दर से GST देना होगा, जीएसटी पर छूट तभी मिलेगी जब सिंगल पैकेट का वजन 25 किलो से अधिक होगा, यदि कोई खुदरा दुकानदार 25 किलो ग्राम के पैकट को सीधे वितरक या प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी से खरीदता और खुदरा मात्रा में बेचता तो ऐसी स्थिति में ग्राहकों को जीएसटी नहीं देना होगा।



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