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नवरात्र का चौथा दिन, योग-ध्यान की देवी मां कुष्मांडा की करें पूजा

नवरात्र का चौथा दिन, योग-ध्यान की देवी मां कुष्मांडा की करें पूजा

N4N Desk: शारदीय नवरात्र का चौथा दिन माता दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा की जाती है. अपनी मंद मुस्‍कान द्वारा 'अण्ड' यानी 'ब्रह्मांड' की उत्‍पत्तिकरने के कारण इस देवी को कुष्मांडा कहा गया.

ऐसी मान्‍यता है कि जब दुनिया नहीं थी, तब इसी देवी ने अपने हास्य से ब्रह्मांड की रचना, इसीलिए इन्‍हें सृष्टि की आदिशक्ति कहा गया. देवी की आठ भुजाएं हैं. इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्णकलश, चक्र, गदा व जप माला हैं. देवी का वाहन सिंह है. हरे रंग के कपड़े पहन कर माता की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद उनके मुख्य मंत्र 'ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः' का 108 बार जाप करें, इससे माँ का आशीर्वाद बना रहता है.

माता के इस रूप का महत्‍व

शांत-संयत होकर, भक्‍ति‍-भाव से माता कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए. इनकी उपासना से भक्तों को सभी सिद्धियां व निधियां मिलती हैं. माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए। इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है। देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए।

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