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गंगा खतरे के निशान से 82 सेंटीमीटर ऊपर तो दूसरी तरफ फरक्का बराज के 119 गेट खोले दिए गए।

गंगा खतरे के निशान से 82 सेंटीमीटर ऊपर तो दूसरी तरफ फरक्का बराज के 119 गेट खोले दिए गए।

Patna : पिछले 2 दिनों से आफत बनकर आई बारिश की वजह से पटना में हजारों लोग जल कैदी बन गए हैं।  वहीं दूसरी तरफ बिहार की सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह कर अपने इर्द-गिर्द बसे गांव को निशाना बनाने में लगी हैं। जल कर्फ्यू का ऐसा नजारा  पटना ने 1975 के बाद पहली बार देखा है। स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। राजधानी के कई मुहल्ले 6 से 7 फीट की पानी में डूब गए हैं।यानी राजेंद्रनगर,कंकड़बाग,बहादुरपुर इलाके में पहले तल्ले पर कोई भी नहीं है। हजारों लोग अभी भी रेस्क्यू के इंतजार में हैं। हालांकि आज सुबह से बारिश नहीं होने से स्थिति नियंत्रण में है।

वहीं दूसरी तरफ गंगा खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। इस बीच राहत की जो सबसे बड़ी बात सामने निकलकर के आ रही है वह यह है कि फरक्का बराज के 119 गेट खोल दिए गए हैं। ताकि गंगा का जलस्तर कम हो सके |

बता दें कि पुनपुन और सोन के अपने उच्चतम स्तर पर बहने से पटना पर खतरा बरकरार है। बताया जा रहा है कि पुनपुन नदी अभी खतरे के निशान से 60  सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। धनरुआ में दरधा नदी तटबंध को तोड़ चुकी है। 


गौरतलब है कि 24 घंटे से गंगा का जलस्तर स्थिर है। पटना के गांधी घाट पर अभी भी गंगा लाल निशान से 83 सेंटीमीटर ऊपर और हाथीदह में 86 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है , लेकिन अधिकारियों के अनुसार इस स्थिति नियंत्रण में है , बता दे की आफत बनकर आई इस बारिश ने बिहार में 26 लोगों की जान ले ली है उत्तर बिहार का हर जिला बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है , नेपाल की तराई में भी भारी बारिश होने की वजह से उत्तर बिहार के कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं।

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