PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान मजाक उड़ाने को लेकर अपनी सदस्यता गंवाने वाले राजद नेता व पूर्व एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जहां उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने बिहार विधान परिषद को नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में सुनील कुमार की सदस्यता रद्द करने को लेकर चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया है।
बता दें जुलाई में मानसून सत्र के दौरान आचार समिति की सिफारिश पर विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सदस्यता रद्द होने के बाद सुनील सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी का जैसा आदेश होगा वे करेंगे। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिस दिन सदस्यता रद्द हुई थी, उस दिन अपनी बात रखने का मौका मांगा था
मामला फरवरी में बजट सत्र के समय राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए वाद-विवाद के समय का था, तब सदन में सुनील कुमार सिंह पर सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोप लगा था। । तत्कालीन विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने आचार समिति के पास इस मामले को भेज दिया था।
वहीं वे लगातार सदन के अंदर 4 बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं। 5वीं बैठक में वे आए, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही अनुशंसा पत्र में कहा गया था कि वे लगातार सदन के नेता, यानी मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। उनका व्यवहार भी असंसदीय और लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में क्यों ना विधान परिषद से उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाए।
इसके जवाब में सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ प्रतिवेदन तैयार करने में उन लोगों ने काफी मेहनत की है। सदन में गरीबों, किसानों, वंचितों, बेरोजगारों की आवाज नहीं उठ सके, इसलिए यह किया गया है।