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एक ही सवाल, जिम्मेवार कौनः यह है बहते बिहार की तस्वीर, ग्रामीण रस्सी के सहारे दूसरे छोर पर जाने को मजबूर, बारिश के पहले ठेकेदार ने तोड़ दिया पुल

एक ही सवाल, जिम्मेवार कौनः यह है बहते बिहार की तस्वीर, ग्रामीण रस्सी के सहारे दूसरे छोर पर जाने को मजबूर, बारिश के पहले ठेकेदार ने तोड़ दिया पुल

BETTIAH: नेपाल से सटे बिहार के जिलों में बहने वाली सभी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। पश्चिम चंपारण में तो जून के महीने में ही बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। निचले इलाकों में पानी भर जाने से कई प्रखंडो में हालात काबू से बाहर हो गए हैं। यहां अभी तक सरकार की तरफ से पर्याप्त मदद नहीं पहुंची है औऱ लोग खुद से ही जुगाड़ लगाकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। बेतिया जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस चुका है। कई गांव ऐसे हैं जहां बाढ़ के पानी के घुसने से आवागमन ठप है। ऐसा ही मामला बेतिया के चनपटिया प्रखंड की जैतिया पंचायत के पिपरा गांव वार्ड नंबर 5 का है। यहां पिपरा गांव से तुलाराम घाट, सिसवनिया, चिकपट्टी, नोनिया टोला जाने वाली मुख्य सड़क के बीचों-बीच बना पुल तोड़ा जा चुका है। इस पुल के टूट जाने से जो हालात बने हैं, वह बयां कर पाना बड़ा मुश्किल है।

दरअसल मॉनसून के ठीक पहले इस पुल के टूट जाने से लोगों को रस्सी के सहारे इस पार से उस पार जाना पड़ रहा है। जो लोग रस्सी के सहारे नहीं जा रहे हैं, उन्हें कमर भर पानी से होकर गुजरना पड़ा है। ऐसे में जान जोखिम में डालकर रस्सी का सहारा लेकर पार कर रहे लोगों के साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस मामले पर स्थानीय लोगों ने सनसनीखेज खुलासा किया। उनका कहना है कि बाढ़ आने से 3 दिन पहले ठेकेदार ने पुल तोड़ दिया, ताकि दूसरे पुल का निर्माण हो सके। इसी बीच तेज बारिश से जिले में बाढ़ आ गई औऱ आवागमन ठप हो गया। अब इसी रस्सी के सहारे लोग इस पार से उस पार जा रहे हैं। यह जानते हैं कि ऐसा करना खतरनाक है, मगर इनके पास फिलहाल और कोई रास्ता भी नहीं है। लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण हो जाता तो आवागमन सुचारू रूप से चलता।

अब ऐसे हालात पर हमारा पहला सवाल यही है कि ग्रामीणों की इस हालात का जिम्मेवार कौन है? मौसम विभाग ने पहले से ही मॉनसून के आगमन और अच्छी बारिश की सूचना दे दी थी, तब ऐसे में इस वक्त पुल के मरम्मत की क्या जरूरत थी? इसे जिला प्रशासन की लापरवाही कहें या ठेकेदार की। इस संबंध में जब चनपटिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी दीनबंधु दिवाकर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मेरे क्षेत्र में नहीं आता है। आप सीओ साहब से बात कर लीजिए। इस संबंध में चनपटिया CO राकेश कुमार ने बताया कि मैं जाकर देख रहा हूं। चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह का कहना है कि मैं प्रशासन से बात कर वहां नाव की व्यवस्था करा देता हूं।

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