BEGUSARAI : कुछ दिन पहले पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया था कि वह पता करे कितने अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। अब इसकी रिपोर्ट सामने आने लगी है। जिसमें सबसे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय की रिपोर्ट सामने आई है। जहां अब तक 70 अधिकारियों ने अपने जवाब दिए हैं।
सिर्फ एक अधिकारी का बच्चा सरकारी स्कूल में
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई कैसी है, यह इन अधिकारियों से रिपोर्ट से जाहिर होता है। यहां 69 अधिकारियों ने अपने जवाब दिए हैं। इसमें भी मात्र 19 अधिकारियों ने ही अपने बच्चों के शिक्षा की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई है। मजेदार बात यह है कि दी गई जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों में एक को छोड़कर किसी भी अधिकारी के बच्चे सरकारी संस्थान में नहीं पढ़ते हैं। लेकिन किसी के बच्चे पटना तो किसी के बच्चे दिल्ली में पढ़ते हैं। कुछ अधिकारी के बच्चे बेगूसराय में पढ़ते भी हैं तो बड़े प्राइवेट स्कूल में।
इन्ही पर है सरकारी स्कूलों की पढ़ाई सुधारने की जिम्मेदारी
यह वह अधिकारी हैं, जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह सरकारी स्कूलों में होनेवाली पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार कराएं। लेकिन शिक्षा विभाग के नीचे से लेकर उपर स्तर तक के अधिकारी के बच्चे भी सरकारी स्कूलों पर भरोसा नहीं करते। इन्हीं अधिकारियों के कंधे पर सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन कराने की जिम्मेदारी हर साल दी जाती है और इसके लिए शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक विशेष नामांकन अभियान चलाते हैं।
सरकारी शिक्षकों की भी लगभग यही स्थिति
सिर्फ अधिकारी ही नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ानेवाले शिक्षक भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना पसंद करते हैं। जाहिर है कि वह जानते हैं कि वह जो पढ़ाते हैं, उसकी गुणवत्ता कैसी है।
बता दें कि राज्य में सरकारी शिक्षा और उसकी व्यवस्था को लेकर पटना हाई कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग ने जिले के क्लास-1 और 11 अफसर से जबाव मांगा था, ताकि यह पता चल सके कि सरकारी स्कूलों के पढ़ाई पर अधिकारी कितना भरोसा करते हैं।