छपरा. आदमी-आदमी में फर्क करने की कई कहानियां जगप्रसिद्ध हैं, लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां जानवर और आदमी में भी कोई फर्क नहीं होता। वह जगह है छपरा का सदर अस्पताल। यहां अस्पताल के एक ही फर्श पर आदमी और जानवर एक साथ सो रहे हैं। इसका एक एक वीडियो सामने आया है, जो बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल रहा है।
यह तस्वीर सदर अस्पताल के सीटी स्कैन सेंटर की है, जहां पटना से आई राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम के सामने ही फर्श पर एक कुत्ते के साथ जांच के लिए आया एक मरीज अपनी बारी का इंतज़ार करता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ. अभिषेक ने स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी का प्रयास करने का दावा किया, लेकिन जिस सदर अस्पताल में करोड़ों रुपये मूल्य के संसाधन उपलब्ध हों, वहां एक मरीज को एक बेड या बेंच भी उपलब्ध न हो तो तमाम दावे झूठे लगते हैं।
एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि आवारा जानवरों की पनाहगार बना सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों खासकर बच्चों को जानवरों से हमेशा खतरा बना रहता है और पूर्व में भी चूहों द्वारा शवों के अंगों को खाने के मामलों में बड़ी फजीहत झेलनी पड़ चुकी है। सदर अस्पताल छपरा प्रशासन को।