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सिब्बल की ‘डिनर डिप्लोमेसी’ में दिखी विपक्षी एकता, एक साथ नजर 17 पार्टियों के नेता, ‘लालू प्रसाद’ की मौजूदगी रही खास

सिब्बल की ‘डिनर डिप्लोमेसी’ में दिखी विपक्षी एकता, एक साथ नजर 17 पार्टियों के नेता, ‘लालू प्रसाद’ की मौजूदगी रही खास

NEW DELHI : एक तरफ संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने सरकार का जमकर विरोध किया. वहीं दूसरी तरफ 2024 के लोकसभा में मोदी सरकार को परास्त करने के लिए विपक्षी नेताओं ने एकजुटता दिखानी शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत हुई है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के आवास से,जहां बीती रात विपक्ष में शामिल 17 राजनीतिक पार्टियों को नेता पहुंचे। कहने को तो यह सिब्बल के जन्मदिन की पार्टी थी, लेकिन राजनीतिक गलियारे में इसे ‘डिनर डिप्लोमेसी’ कहा जा रहा है। 

वैसे तो कांग्रेस लगातार विपक्ष को गोलबंद करने में जुटी हुई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए इन दिनों लगातार बैठक कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने ब्रेकफास्ट पर तमाम विपक्षी नेताओं के साथ रणनीति पर चर्चा की। लेकिन, सोमवार की कवायद इस मामले में अलग कही जा सकती है। कारण है कि इसका आयोजन कांग्रेस के उस धड़े ने किया था, जिसे इन दिनों सियासी गलियारे में जी-23 के नाम से जाना जाता है।

45 दिग्गज नेता हुए शामिल

सूत्रों के मुताबिक, इस डिनर में कुल 17 विपक्षी दल के 45 नेता शामिल हुए थे। बताया गया कि जन्मदिन की पार्टी के बहाने सभी नेताओं के मिलने का बहाना मिल गया और इस दौरान राजनीतिक मुद्दों पर भी बात की गई। सिब्बल का डिनर इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें ऐसे दल भी पहुंचे, जो आमतौर पर विपक्षी पाले में दिखाई नहीं देते। शामिल होने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा, टीएमसी, एनसीपी, टीडीपी, आरजेडी, टीआरएस, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, अकाली दल, डीएमके, शिवसेना, सपा, सीपीएम, सीपीआई, आप, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएलडी जैसे दल शामिल थे।

लंबे समय बाद किसी पार्टी में शामिल हुए लालू

कपिल सिब्बल की इस डिनर डिप्लोमेसी में एक खास मेहमान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की रही। जो लंबे समय किसी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बने। उनके अलावा डिनर में पहुंचने वाले प्रमुख मेहमानों में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, संदीप दीक्षित, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, शशि थरूर, सुभाष चोपड़ा व अरविंदर सिंह लवली, एनसीपी के शरद पवार व प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी के लालू प्रसाद यादव व मनोज झा, सपा के अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रॉयन, डीएमके के तिरुचि शिवा, वाईएसआर कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी, शिवसेना के संजय राउत, आप के संजय सिंह, बीजेडी के पिनाकी मिश्र, टीडीपी के जयदेव गाला, अकाली दल के नरेश गुजराल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्‍दुल्‍ला शामिल थे।

राहुल की गैर मौजूदगी पर सवाल

जहां एक साथ विपक्ष के इतने नेता मौजूद रहे। वहीं कांग्रेस के राहुल गांधी नहीं पहुंचे। जो कई सवालों को जन्म दे गया। यह सवाल क्या यह राजनीतिक दल गैर कांग्रेस-भाजपा वाले गठबंधन बनाने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं। पिछले एक साल से जिस तरह के कांग्रेस में राहुल गांधी के साथ चलनेवाले नेताओं में दूरियां बढ़ी हैं, वह इसे और मजबूत कर रही हैं। 



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