डेस्क। पश्चिम बंगाल में आनेवाले विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की तीसरी बार सत्ता का कुर्सी तक पहुंचने की राह मुश्किल होती नजर आ रही है। एक तरफ उन्हें भाजपार की तरफ से कड़ी चुनौती मिल रही है, वहीं औवेसी उनके लिए दूसरी परेशानी बनने लगे हैं। इस परेशानी की वजह है, औवेसी का उस शख्स से नजदीकियां बढ़ाना, जिनके बदौलत ममता बनर्जी सत्ता की कुर्सी तक पहुंची थी।
बताया जा रहा है कि सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी रविवार को AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी से मिले हैं। इस मुलाकात को पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बड़ी घटना माना जा रहा है। बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह है। दक्षिण बंगाल में इस दरगाह का विशेष दखल है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के दौरान इसी दरगाह की मदद से ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे। जिसमें मिली लोकप्रियता की बदौलत ममता बनर्जी राज्य की सीएम की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब हुई थी। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है। लंबे वक्त से सिद्दीकी ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं। लेकिन, पिछले कुछ समय से इनके रिश्ते में दूरियां नजर आ रही है। सिद्दिकी लगातार ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 31 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सिद्दिकी का जाना ममता के लिए बड़ा नुकसान होगा।
औवेसी ने किया समर्थन का दावा
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से भेंट के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा अब्बास सिद्दीकी का हमें समर्थन हासिल है और जो फैसला वह लेंगे, वही हमें मंजूर होगा।